मुख्यमंत्री द्वारा नशा मुक्ति केन्द्रों के लिए सेवामुक्त और प्राईवेट मनोचिकित्सक माहिरों की सेवाएं हासिल करने के आदेश

-नशा छोडऩे वालों और उनके परिवारों की सुरक्षा के लिए रणनीति बनाने की हिदायत

-नशा विरोधी प्रोग्रामों के प्रसार के लिए व्यापक मीडिया मुहिम चलाने के लिए कहा

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज राज्य सरकार की नशा विरोधी मुहिम को और मज़बूत बनाने के लिए कई हिदायतें जारी की हैं। मुख्यमंत्री ने नशा मुक्ति केन्द्रों में मरीज़ों की लगातार बढ़ रही तादाद के मद्देनजऱ सेवामुक्त माहिर मनोचिकित्सकों की सेवाएं लेने और प्राईवेट माहिरों का पूरा समय या पार्ट टाईम सेवाएं हासिल करने के आदेश दिए।

          विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा अब तक उठाए गए नशा विरोधी कदमों की प्रगति का जायज़ा लेने के लिए गठित की कैबिनेट सब-कमेटी की साप्ताहिक मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों और अधिकारियों को नशा मुक्ति और पुनर्निवास केन्द्रों में नशा मुक्ति के लिए आने वाले व्यक्तियों और उनके परिवारों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए रणनीति बनाने के आदेश दिए। इसके साथ ही उन्होंने नशों की कुरीति संबंधी प्रभावशाली ढंग से जागरूकता फैलाने के लिए व्यापक मीडिया मुहिम आरंभ करने की भी हिदायत की।

          मुख्यमंत्री ने जि़ला अथॉरिटी को तय-नियमों की सरासर उल्लंघना करके बड़ी मात्रा में बुपरीनोरफीन -नैलोकसएन दवा की बिक्री करने वाले केन्द्रों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए भी कहा।

          मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को राज्य सरकार के नशा विरोधी कदमों को और आगे बढ़ाने के लिए पंजाब में अन्य प्राईवेट नशा मुक्ति केन्द्रों की स्थापना करने के लिए वित्तीय अनुदान हासिल करने के लिए केंद्रीय सामाजिक सशक्तीकरन और न्याय मंत्रालय के पास पहुँच करने के लिए कहा।

          सरकार के विभिन्न नशा विरोधी प्रोगरामों संबंधी लोगों को अधिक से अधिक जानकारी मुहैया करवाने के लिए मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को कहा कि इन प्रोग्रामों में एस.डी.एम., बी.डी.पी.ओ. और गाँवों की पंचायतों को भी शामिल किया जाये। उन्होंने कहा कि पास के ओ.ओ.ए.टी. सेंटरों की सूची सभी शहरों, कस्बों और गाँवों के बस अड्डों, सरकारी अस्पतालों और सिविल डिसपैंसरियों सहित प्रमुख स्थानों पर सार्वजनिक करनी चाहिए।

          मुख्यमंत्री ने संबंधित जिलों के मंत्रियों को विधायकों सहित निरंतर मीटिंगें करने के लिए भी कहा जिससे सरकारी नशा मुक्ति और पुनर्निवास केन्द्रों में नशा छोडऩे वालों को मुहैया करवाए जा रहे इलाज पर नजऱ रखी जा सके।

          बाहरी मरीज़ों का बदलवीं विधि के द्वारा इलाज करन वाले ओ.ओ.ए.टी. सैंटरों और नशा मुक्ति केन्द्रों के काम में तय प्रक्रिया की पालना को यकीनी बनाने के अलावा मुख्यमंत्री ने मौजूदा प्राईवेट केन्द्रों में मानवी शक्ति और अन्य सहूलतों के रूप में उपयुक्त बुनियादी ढांचा को निश्चित करने के लिए इन केन्द्रों का तत्काल निरीक्षण करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि यदि जि़ला अथॉरटी यह समझती है कि कोई नशा मुक्ति केंद्र कम से -कम ज़रुरी मापदंडों पर भी खरा नहीं उतरता या ज़रूरी सेवाएं मुहैया नहीं करवाता तो केंद्र को बंद करने की सिफ़ारिश की जा सकती है।

          मुख्य सचिव के प्रस्ताव को स्वीकृत करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने खेल और युवा कल्याण विभाग को कहा कि वह गाँवों में यूथ क्लबों के सृजन के लिए कार्य योजना तैयार करें और इन क्लबों को उत्साहित करने के लिए कबड्डी, वालीबाल और हाकी टूर्नामैंट करवाए जाएँ जिससे नौजवानों की ऊर्जा साकारत्मकता की तरफ़ लगाई जा सके। मुख्यमंत्री ने ऐसे अतिरिक्त पाठ्यक्रम और खेल गतिविधिओं में नौजवानों को शामिल करने के लिए वार्षिक खेल कैलंडर का भी सुझाव दिया। उन्होंने डिप्टी कमीशनरों को ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के सलाह -मशवरों से ऐसे खेल समागमों करवाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने के लिए कहा।

          मीटिंग में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री ब्रह्म मोहिंद्रा, परिवहन मंत्री अरुना चौधरी, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह एन.एस. कलसी, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य सतीश चंद्रा, डी.जी.पी सुरेश अरोड़ा, डी.जी.पी. अमन और कानून हरदीप ढिल्लों, डी.जी.पी. इंटेलिजेंस दिनकर गुप्ता, ए.डी.जी.पी. ईश्वर सिंह, आईजी (एसटीएफ) आर.के. जैसवाल, आई.जी. (एसटीएफ) बलकार सिंह सिद्धू, नोडल अफ़सर (डीएपीपीओ) राहुल तिवाड़ी और एम.डी. पंजाब सिस्टम हैल्थ निगम अमित कुमार और विशेष सचिव स्वास्थ्य बी. श्रीनिवासन उपस्थित थे।

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