मुख्यमंत्री को केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर धरना देने की बजाय अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करनी चाहिए: सरदार सुखबीर सिंह बादल

संगरूर/03नंवबर

शिरोमणी अकाली दल (एसएडी) के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से कहा है कि वे दिल्ली में शाम के चार घंटे दिखावटी ‘धरने पर न बैठें’ बल्कि केंद्रीय कृषि कानूनों को तुरंत रदद करने की मांग को  लेकर राजघाट पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करें|इस दौरान शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष ने सुनाम तथा लहरागागा विधानसभा क्षेत्रों का दौरा दिया, जिसमें सैंकड़ों अकाली कार्यकर्ताओं ने पूर्व पंचायत समिति के मैंबर, लहरा तथा सुख सिंह जो सुखदेव सिंह ढ़ींढ़सा के पूर्व चेयरमैन भी पार्टी में शामिल हुए।

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सरदार बादल ने मुख्यमंत्री से पूछा कि क्या वह सच में प्रदर्शन को लेकर गंभी है यां सिर्फ राजनीतिकरण कर रहे हैं। अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि यदि इसका उद्देश्य कृषि कानूनों को रद्द करना तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुसार अनाज की सरकारी खरीद सुनिश्चित करना है तो मुख्यमंत्री को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का नेतृत्व करना चाहिए और तब तक हार नही माननी चाहिए जब तक कि किसानों की मांगे स्वीकार नही कर ली जाती हैं।सरदार बादल ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह किसान समुदाय के साथ साथ व्यापार और उद्योग जगत में चल रहे संकट का समाधान निकालकर कुछ ठोस करने की बजाय एक तमाशा कर रहे हैं। केंद्र सरकार के पास मालगाड़ियों को तत्काल चलाने की मांग करने की बजाय मुख्यमंत्री फोटो सैशन में समय बर्बाद करना चाहते हैं।

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सरदार बादल ने मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र के अनुरूप किए जाने की बात कहते हुए कहा कि पंजाब में केंद्र और कांग्रेस दोना किसान संगठनों को बदनाम करना चाहते हैं। यही कारण है कि पंजाब में मालगाड़ियों को देरी से शुरू करने के लिए केंद्र तथा राज्य ने एक दूसरे के साथ मिलीभगत कर ली है। हालांकि इस साजिश से केवल पंजाब तबाह होगा और अर्थव्यवस्था खराब होने के साथ साथ सामाजिक अशांति पैदा होगी। कैप्टन अमरिदंर सिंह को ऐसे षडयंत्र में शामिल होने नही होना चाहिए जिसके अंत में पंजाब की हार तय है।

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सरदार बादल ने मुख्यमंत्री से पूछा कि मुख्यमंत्री ने विधायकों को गुमराह क्यों किया और राष्ट्रपति के साथ 4नवंबर अपॉइंटमेंट की एकतरफा घोषणा की, जोकि उन्होने मिलने का समय नही दिया तथा उन्होने कहा कि राष्ट्रपति से मिलने का कोई औचित्य भी नही है। उन्होने कहा कि मुझे समझ नही आत कि जब पंजाब विधानसभा में पारित विधेयक चंडीगढ़ में ही पड़े हैं तो मुख्यमंत्री दिल्ली क्यों जा रहे हैं? यह स्पष्ट है कि यह सब किसान समुदाय को मुर्ख बनाने के लिए किए जा रहा है, जिसे उन्होने पहले भी धोखा दिया है तथा दोबारा फिर धोखा देने की साजिश रची जा रही है।

सरदार बादल ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ने उनका सुझाव माना होता तथा पंजाब स्टेट एपीएमसी(संशोधन) अधिनियम 2017 को रद्द कर दिया होता तथा केंद्र के किसान विरोधी अधिनियमों को निष्प्रभावी बनाने के लिए पंजाब को एक प्रमुख मंडी घोषित किया होता तो चल रहे नाटकों की कोई जरूरत नही होती। उन्होने कहा कि कांग्रेस की लीडरशीप वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने भी केंद्रीय कानूनों को बेमानी बनाने के लिए पूरे प्रदेश को एक प्रमुख मंडी घोषित कर दिया था। यह सच्चाई है कि  कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ऐसा नही किया तथा केंद्र सरकार के साथ मिलकर किसानों को उनके अधिकारों से वंचित करना एक बहुत बड़ी साजिश है।

समारोह में एसजीपीसी के अध्यक्ष  सरदार गोबिंद सिंह लौंगोवाल, इकबाल सिंह झूंदा, बलदेव सिंह मान, राजिंदर दीपा, विन्नरजीत सिंह गोल्डी, गगनजीत सिंह बरनाला, गुलजारी मूनक तथा प्रकाश चंद गर्ग भी |

-NAV GILL

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