मनरेगा फंडों में गबन करने के दोष अधीन विजीलैंस द्वारा महिला सरपंच, दो मनरेगा कर्मचारियों और एक प्राईवेट व्यक्ति के खि़लाफ़ केस दर्ज

दोषी सरपंच को किया गिरफ़्तार, अन्य दोषियों की गिरफ़्तारी के लिए विजीलैंस टीमों द्वारा छापेमारी जारी

चंडीगढ़ : पंजाब विजीलैंस ब्यूरो द्वारा राज्य में चलाई जा रही भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के अंतर्गत एक महिला सरपंच, मनरेगा के दो कर्मचारियों और एक प्राईवेट व्यक्ति के विरुद्ध मनरेगा के फंडों में 2,16,510 रुपए का गबन करने के दोष अधीन केस दर्ज किया गया है। इस केस में अमनदीप कौर सरपंच, ग्राम पंचायत कोट जसपत, जि़ला तरन तारन को गिरफ़्तार कर लिया गया है जबकि बाकी दोषियों की गिरफ़्तारी के लिए विजीलैंस द्वारा टीमों का गठन किया गया है।

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये राज्य विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि ग्राम पंचायत कोट जसपत जि़ला तरन तारन की सरपंच अमनदीप कौर, ग्राम रोजग़ार सहायक मनरेगा जोधवीर सिंह, कोट जसपत ग्राम पंचायत के मनरेगा तकनीकी सहायक तरुणप्रीत सिंह और सरकारी फंडों को हड़पने में उक्त दोषियों की मदद करने वाले एक प्राईवेट व्यक्ति प्रेम सिंह के खि़लाफ़ आई शिकायत की गहरायी से पड़ताल करने के उपरांत ही दोषियों के विरुद्ध गबन का यह मामला दर्ज किया गया है।

और अधिक जानकारी देते हुये प्रवक्ता ने बताया कि जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि उक्त दोषियों ने आपस में मिलीभुगत करके गाँव में मगनरेगा स्कीम के अंतर्गत मज़दूरों के फज़ऱ्ी मस्टर रोल तैयार किये और अपनी जान-पहचान व्यक्तियों के नाम पर दिहाडिय़ों के जाली बिल बना कर बैंक में से पैसे निकलवाये। जाँच में यह बात सिद्ध हो गई है कि उक्त मुलजिमों ने अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करके अपने संकुचित हितों के लिए सरकारी फंडों में धाँधली की है।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस सम्बन्ध में आइपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13(1) ए, 13(2) के अंतर्गत थाना विजीलैंस ब्यूरो अमृतसर में केस दर्ज किया गया है और मामले की आगे जांच जारी है।

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