भगवान श्री कृष्ण की आठ पत्नियों से थी कितनी संतान…

-एक श्राप ने कर दिया था समूचे कुल का नाश
द्वापर युग के अंत में भगवान श्री विष्णु ने श्री कृष्ण के रुप में इस धरती अवतार लिया। इस धरती पर बढ़ चुके अधर्म को समाप्त कर धर्म की स्थापना करने में अहम रोल अदा किया। दिव्य शक्तियों के मालिक श्री कृष्ण को भगवान श्री परशुराम ने सुदर्शन चक्र प्रदान कर उनकी दिव्य आलौकिक शक्तियों को बेहतर बनाया। कहा जाता है कि श्री कृष्ण महाभारत के
युद्ध के बाद 35 वर्षों तक जिंदा रहे थे। द्वारिका नगरी में अपनी आठ पत्नियों के साथ सुखपूर्वक जीवन व्यतीत किया। श्री कृष्ण की आठ पत्नियों से 80 बेटों व एक बेटी ने जन्म लिया। परंतु गंधारी ने महाभारत युद्ध में कौरव कुल के समाप्त होने पर श्री कृष्ण को इसका मुख्य तौर से दोषी मानते हुए उनके समूचे कुल को समाप्त होने का श्राप दे दिया था। आज हम आपको श्री कृष्ण की पत्नियों और संतान के नाम के अलावा कुछ एेसे रहस्य से अवगत करवाएंगे, जो आपने पहले कभी नहीं सुने होंगे। क्या थे वह रहस्य ?

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श्री कृष्ण की आठ पत्नियों के नाम 
आम तौर पर श्री कृष्ण के नाम के साथ केवल रुक्मणि व सत्यभामा को ही पत्नी होने का सम्मान दिया जाता रहा है। परंतु सच यह है कि उनकी आठ पत्नियां रुक्मिणी, सत्यभामा, जाम्बवंती, सत्या, कालिंदी, लक्ष्मणा, मित्रविन्दा और भद्रा थी।

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श्री कृष्ण की पत्नियों से उत्पन्न संतान के नाम
श्री कृष्ण की आठ पत्नियों से 81 बच्चों ने जन्म लिया। सभी पत्नियों से 10-10 लड़कों ने जन्म लिया था। परंतु रुक्मणी ने 10 लड़कों के अलावा एक बेटी को भी जन्म दिया था।
रुक्मिणी ने प्रद्युम्न, चारुदेष्ण, सुदेष्ण, चारुदेह, सुचारू, चरुगुप्त, भद्रचारू, चारुचंद्र, विचारू और चारू लड़कों को जन्म दिया था। जबकि रुक्मिणी ने चारुमति नामक एक पुत्री को भी जन्म दिया था।
सत्यभामा ने भानु, सुभानु, स्वरभानु, प्रभानु, भानुमान, चंद्रभानु, वृहद्भानु, अतिभानु, श्रीभानु और प्रतिभानु, जाम्बवंती ने साम्ब, सुमित्र, पुरुजित, शतजित, सहस्त्रजित, विजय, चित्रकेतु, वसुमान, द्रविड़ और क्रतु, सत्या ने वीर, चन्द्र, अश्वसेन, चित्रगु, वेगवान, वृष, आम, शंकु, वसु और कुन्ति, कालिंदी ने श्रुत, कवि, वृष, वीर, सुबाहु, भद्र, शांति, दर्श, पूर्णमास और सोमक, लक्ष्मणा ने प्रघोष, गात्रवान, सिंह, बल, प्रबल, ऊर्ध्वग, महाशक्ति, सह, ओज और अपराजित, मित्रविन्दा ने वृक, हर्ष, अनिल, गृध्र, वर्धन, अन्नाद, महांस, पावन, वह्नि और क्षुधि, भद्रा ने संग्रामजित, वृहत्सेन, शूर, प्रहरण, अरिजित, जय, सुभद्र, वाम, आयु और सत्यक नमक लड़कों को जन्म दिया था।

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किस श्राप कारण हुआ श्री कृष्ण के कुल का नाश

महाभारत का युद्ध समाप्त होने के बाद श्री कृष्म औऱ सभी पाडंव महाराज धृतराष्ट्र व गांधारी से मिलने गए। मुलाकात के दौरान गांधारी अपने समुचे कुल के समाप्त होने पर बेहद दुखी थी। उन्होंने इस युद्ध के लिए श्री कृष्ण को ही पूरी तरह से जिम्मेवार मानते हुए यह श्राप दिया कि जिस तरह से महाभारत के युद्ध में मेरे कुल का नाश हुआ है। इसी तरह तुम्हारे समूचे कुल का नाश हो जाएगा। यह सच भी कि श्री कृष्ण के जीवित रहतेे ही समुचा कुल आपस में लड़ झगड़ कर समाप्त हो गया। इतना ही श्री कृष्ण की द्वारिका नगरी भी पानी में समा गई थी।

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प्रदीप शाही

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