बिना मंजूरी के भारत में इन जगहों पर है ‘नो एंट्री’

-भारतीय, विदेशी पर्यटकों को लेनी पड़ती है विशेष मंजूरी
भारत के कई राज्यों में एेसे स्थान है, जहां पर केवल विशेष मंजूरी के बाद ही विशेष अवधि के लिए एंट्री मिलती है। यह विशेष एंट्री लेने का कानून केवल भारतीय ही नहीं विदेशी पर्यटकों पर भी लागू होता है। क्या आप उन स्थानों के बारे जानते हैं। जिन दर्शनीय स्थानों को देखने के लिए विशेष मंजूरी हासिल करनी पड़ती है। आप भी हैरान होंगे, आखिर क्यों इस तरह के आदेश जारी किए गए हैं। आईए, आपको इस बाबत समूची जानकारी प्रदान करते हैं। यह कौन से स्थान हैं और किस राज्य में स्थित हैं।

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भारत की इन प्रतिबंधित जगहों पर प्रवेश के लिए लेनी पड़ती है विशेष मंजूरी पर
भारत के पांच ए्ेसे स्थल हैं। जहां पर विदेशी ही नहीं भारतीय पर्यटकों को विशेष मंजूरी मिलने के बाद ही एंट्री मिलती है। यह स्थान हैं नागालैंड का कोहिमा, मणिपुर की लोतक लेक, सिक्किम की चांगु लेक, अरुणाचल प्रदेश की जीरो वैली और मिजोरम का आइजोल। इन सभी मनोरम स्थलों पर घूमने का आनंद उठाने के लिए इनर लाइन परमिट (आईएलपी) का अधिकृत यात्रा दस्तावेज हासिल करना पड़ता है।

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क्या है इनर लाइन परमिट (आईएलपी)
इनर लाइन परमिट (आईएलपी) भारत सरकार का आधिकारिक यात्रा दस्तावेज है। जो देश वासियों ही नहीं विदेशों से आने वाले सभी पर्यटकों को देश के किसी विशेष प्रोटेक्टेड क्षेत्र में जाने के लिए परमिट देता है। यह आईएलपी निर्धारित समय सीमा के लिए और चुनिंदा लोगों के लिए ही मान्य होता है। यह परमिट भारत में मौजूदा समय मिजोरम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में पूर्ण रुप से लागू होता है। जबकि दूसरे देशों के साथ लगने वाली बॉर्डर लाइन पर भी इस परमिट की जरुरत पड़ती है।

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नागालैंड का कोहिमा क्षेत्र
पहाड़ की एक उंची चोटी पर बसा कोहिमा भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य नागालैंड की राजधानी है। यह समूचा इलाका अंगामी नागा जनजाति का है। इस क्षेत्र को एशिया का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। पर्यटकों के लिए यह स्थान जन्नत से कम नहीं है। पहड़ पर खड़े हो कर आस-पास के नजारे को देख कर मन आनंद से भर जाता है। यहां पर जाने के लिए इनर परमिट लाइन की जरुरत पड़ती है।

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मणिपुर की लोकतक लेक
मणिपुर की लोकतक लेक किसी अजूबे से कम नहीं है। विशाल क्षेत्र में फैली हुई यह लेक साफ पानी के लिए मशहूर है। भारत के उत्तर-पूर्व में स्थापित इस झील में बड़े-बड़े भूखंड के टुकड़े तैरते हुए दिखाई देते हैं। जिनमें पानी भरा हुआ होता है। इन टुकड़ों को इस इलाके में फुमदी के नाम से जाना जाता है। यह भूखंड के टुकड़े मिट्टी, पेड़-पौधों और जैविक पदार्थों से मिलकर बेहद कठोर होते हैं। अपने इस अनोखेपन के कारण है यह झील लोगों को सहज ही अपनी तरफ आकर्षित कर लेती है। पर्यटक इन भूखड़ों को तैरते देख कर आनंदित होते हैं। बिना परमिट के इस क्षेत्र में आना प्रतिबंधित है।

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सिक्किम की चांगु लेक
चांगु लेक सिक्किम का प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह झील सर्दियों में पूरी तरह से जम जाती है। बावजूद इसके इस झील को देखने के लिए पर्यटक सारा साल आते हैं। इस क्षेत्र में आने के लिए इनर लाइन परमिट लेने की जरुरत पड़ती है।

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अरुणाचल प्रदेश की जीरो वैली
अरुणाचल प्रदेश में आईएलपी की जरुरत पड़ती है। यहां पर कई शानदार पर्यटन स्थल है। अरुणाचल प्रदेश में हर तरफ कुदरत के नजारे दिखाई देते हैं। इस क्षेत्र में सबसे पसंदीदा स्थल जीरो वैली है। यह वैली अपनी सुंदरता के कारण वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शुमार हो चुकी है। सबसे खास बात यह है कि इस वैली के आसपास आपातानी ट्राइब से जुड़े लोग रहते हैं।

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मिजोरम का आइजोल क्षेत्र
मिजोरम की राजधानी आइजोल में पहुंचने के लिए आईएलपी की जरुरत पड़ती है। यहां पर कई शानदार स्थल देखने के लिए हैं। इन स्थलों को देखने के लिए विश्व भर से पर्यटक पहुंचते हैं। यहां के म्यूजियम, हिल स्टेशन और स्थानीय लोगों की कला दर्शनीय है। इस क्षेत्र में एक निर्धारित समय के लिए उक्त परमिट की आवश्यकता पड़ती है।

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प्रदीप शाही

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