बदलियों में रिश्वतख़ोरी संबंधी जानकारी देने वाले को पाँच लाख का इनाम- सोनी

-शिक्षा विभाग के काम में पूरी पारदर्शिता लाई जाएगी

-पुस्तकों का प्रकाशन और वितरण सत्र से पहले यकीनी बनाने के लिए कहा

-सभी कामों के लिए ऑनलाइन टैंडरिंग प्रणाली अपनाने के आदेश

चंडीगढ़: पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री ओम प्रकाश सोनी ने आज कहा कि अध्यापकों की बदलियों में चलती रिश्वतख़ोरी को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने ऐलान किया कि जो भी व्यक्ति अध्यापकों की बदलियों में रिश्वत लेने या देने संबंधी पक्के समूतों के जानकारी देगा, उसे पाँच लाख रुपए का इनाम दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि बदलियों का काम बिल्कुल पारदर्शी तरीकों से सम्पूर्ण किया जा रहा है और इसमें किसी भी तरह का राजनैतिक दबाव या पैसों का दख़ल नहीं होने दिया जा रहा। 

          यहां शिक्षा विभाग और पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों की उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए श्री सोनी ने कहा कि बोर्ड में हर वर्ष काफ़ी संख्या पुस्तके बिना बांटे रह जाती हैं, जिनको बाद में रद्दी ऐलानना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पुस्तकों का प्रकाशन और वितरण सत्र शुरू होने से पहले करना यकीनी बनाई जाये। उन्होंने गाइडों के बढ़ते रुझान को रोकने के लिए सभी पुस्तकों माहिरों की सलाह के साथ बोर्ड द्वारा ही छपवाने के लिए कहा। उन्होंने साथ ही कहा कि पुस्तकों की गुणवत्ता को कायम रखा जाये और इसके लिए कागज़ भी बढिय़ा गुणवत्ता का प्रयोग किया जाये।

          शिक्षा मंत्री ने कहा कि बोर्ड की पुस्तकें सही समय पर न छपने के कारण प्राईवेट पब्लिशर फ़ायदा उठा लेते हैं। इस रुझान को रोकने की ज़रूरत है, जिसको पुस्तकों के सही समय पर प्रकाशन और वितरण से ही रोका जा सकता है। पुस्तकों के वितरण के लिए स्कूल प्रिंसिपल की जि़म्मेदारी तय की जाये। पुस्तकों के लिए माहिरों की सलाह भी ली जाये जिससे जानकारी बिल्कुल सही होना यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने घरों में खुले स्कूलों को स्थानीय निकाय विभाग की मदद से बंद करवाने के भी आदेश दिए।

          श्री सोनी ने कहा कि बोर्ड में कोई भी सामान सरकारी रेटों पर न खरीदा जाये, बल्कि सभी कामों के लिए ऑनलाइन टैंडरिंग प्रक्रिया अपनाई जाये। उन्होंने कहा कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के राजस्व और ख़र्च का हिसाब-किताब रखा जाये जिससे बोर्ड की आय बढ़ाने और ख़र्च घटाने के लिए जुगतबंदी की जा सके। उन्होंने बोर्ड को वित्तीय पक्ष से स्वायत बनाने पर भी ज़ोर दिया। मीटिंग के दौरान  शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए देश के दूसरे राज्यों में काम कर रहे शिक्षा बोर्डों की कार्यप्रणाली का तुलनात्मक अध्ययन करने संबंधी कमेटी बनाने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी काम मुश्किल नहीं है, बस इच्छा शक्ति की ज़रूरत है।

          मीटिंग में शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण कुमार, डायरैक्टर जनरल स्कूल शिक्षा प्रशांत कुमार गोयल, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन मनोहर कांत कलोहिया, डी.पी.आई. (सेकंडरी) परमजीत सिंह, डी.पी.आई. (एलिमेंट्री) इन्द्रजीत सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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