प्रिंसीपलों ने शिक्षामंत्री को शिक्षा सुधारों संबंधी रिपोर्ट सौंपी

चंडीगढ़: पंजाब के शिक्षामंत्री द्वारा राज्य के स्कूलों में शिक्षा सुधारों संबंधी माँगी गई रिपोर्ट आज सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के प्रिंसिपलों ने श्री ओ.पी. सोनी को सौंप दी है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि श्री सोनी ने पंजाब के उन स्कूलों के प्रिंसिपलों को सुझाव देने के लिए कहा था जिनके पिछले वर्षों के नतीजे शत-प्रतिशत रहे हैं। इस कवायद का मुख्य मकसद पंजाब की ज़मीनी हकीकतों को समझते हुए विद्यार्थियों और अध्यापकों की मुश्किलों को जानना और उनके संभव हल होने के उपरांत शिक्षा के मानक को और ऊँचा उठाना और मानक को बनाई रखना है।
इन स्कूलों के प्रिंसिपलों को स्कूलों में हर तरह के हालातों के साथ जूझते हुए शत-प्रतिशत नतीजे देने और स्कूल के चौगिरदे को सही ढंग के साथ सँभालने का तजुर्बा होने के कारण इनके सुझाव व्यवहारिक होने स्वाभाविक हैं क्योंकि कुछ विशेष हालतों को छोडक़र बाकी सभी स्कूलों के हालात समान होते हैं। प्राप्त हुए यह सुझाव राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह जी के साथ सांझे किये जाएंगे। प्रवक्ता ने बताया कि यह सुझाव क्षेत्र में काम कर रहे शिक्षा विभाग के प्रशासनिक अफसरों, स्कूल प्रिंसिपल की फीडबैक के अनुसार हैं और इनको जल्द ही कम्पाईल करके सरकार को भेज दिया जायेगा।
प्रवक्ता के अनुसार सुझावों के अंतर्गत स्कूलों के संरचनात्मक विकास जिसमें हर कक्षा के लिए अलग कमरा, बिजली और पानी की सुविधा लाजि़मी, पुस्तकालय, विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार लडक़ों-लड़कियों के लिए विभिन्न शोचालय, पंचायतों का अपेक्षित योगदान संबंधी सुझाव दिए जाने की बात की जायेगी। इसके अलावा विद्यार्थियों के सीखने स्तर के लिए चल रहे गुणात्मक शिक्षा के प्रोजैक्ट ‘पढ़े पंजाब, पढ़ाओ पंजाब’ की सुचारू गतिविधियों, मॉनीटरिंग प्रणाली, प्रोजैक्ट में काम कर रहे प्रशिक्षत स्टाफ की निरंतर सेवाएं लेने के लिए भी विचार दिए गए हैं।
मानव स्रोतों की सही प्रयोग के लिए स्कूलों में रैसनलाईजेसन की नीति, बॉर्डर एरिया के लिए अलग काडर के अंतर्गत भर्ती और बदली की नीति, अध्यापकों के तबादलों संबंधी नीतियां, स्कूल प्रमुखों की जिम्मेवारियां और जवाबदेही संबंधी भी बात की गई है।
पाठ्यक्रम और इम्तिहानों के सम्बन्ध में सुझाव देते हुए स्कूल प्रमुखों ने विद्यार्थियों को सरकार द्वारा समय पर किताबें मुहैया करवाने के साथ-साथ पाठ्यक्रम के ई -कंटेंट को स्मार्ट क्लासों के लिए तैयार करने का सुझाव दिया है। पाठ्यक्रम के साथ-साथ विद्यार्थियों के विषयों की भी सीमक्षा करने के लिए सुझाव दिए हैं। इम्तिहानों के सुझावों के अंतर्गत इम्तिहानों में सख्ती रखने और पिछले वर्ष की इम्तिहानों की परंपरा को निरंतर तीन-चार वर्ष तक लागू करने की बात की गई है।
प्री-प्राईमरी संबंधी पंजाब सरकार द्वारा लिए गए फ़ैसले को सही बताते इसको और भी योजनाबद्ध रूप में चलाकर शिक्षा विभाग और महिला और बाल सामाजिक सुरक्षा और कल्याण विभाग के सांझे उद्यम के साथ बच्चों को लाभ दिए जाने की बात की गई है।
स्कूलों में विभाग की स्कीमों को सुचारू रूप में लागू करवाने पर बच्चों को अधिक से अधिक लाभ देने के लिए स्कूलों की मॉनीटरिंग प्रणाली को मज़बूती देने की बात की गई है। अध्यापक प्रशिक्षण प्रोग्रामों को समय की ज़रूरत के अनुसार तैयार करके समय -समय पर आॅिरऐंटेशन प्रोग्राम चलाए जाने को ज़रूरी बताया गया है।
इसके अलावा डाइटों के भागीदार और इनका कंट्रोल, विभिन्न विभागों का को-ऑरडीनेशन, मीडिया सैल्ल, एक्शन रिर्सच सैल, सरकारी कर्मचारियों के नियमों में संशोधनें और इनका सख्ती के साथ पालन करने संबंधी भी प्रिंसिपलों से सुझाव प्राप्त हुए हैं।

LEAVE A REPLY