पंजाब सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पाईपें वाले जल कनैक्शन और सेनिटेशन को प्रमुखता देने के लिए 15वें वित्त आयोग की ग्रांटों का इस्तेमाल करेगी

चंडीगढ़, 17 सितम्बर:

राज्य के समूचे ग्रामीण क्षेत्रों को जल सप्लाई कनैक्शन मुहैया करवाने को यकीनी बनाने की ख़ातिर पंजाब सरकार द्वारा अपने 2022 तक 100 फीसदी पाईप जल सप्लाई के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 15वें वित्त आयोग की ग्रांटें इस्तेमाल करके बाकी रह गए 17.59 लाख घरों को प्रमुखता से कार्यशील घरेलू टोंटी कनैक्शन (एफ.एच.टी.सी) मुहैया करवाने का फ़ैसला किया गया है।

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मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता अधीन आज हुई वर्चुअल कैबिनेट मीटिंग के दौरान लिए फ़ैसले के अनुसार इन 17.59 लाख घरों, जिनको अभी कनैक्शन दिए जाने हैं, में से 7.60 लाख घरों को एफ.एच.टी.सी के अंतर्गत 2020-21 के दौरान कवर किया जायेगा और 9.99 लाख घरों को 2021 -22 में कवर किया जायेगा।
मंत्रालय की तरफ से 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत सेनिटेशन के लिए बंधी ग्रांटों के प्रयोग से राज्य के समूचे गाँवों को अगले पाँच सालों में खुल में सोच से मुक्त (ओ.डी.एफ -पल्स) बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज़-2 को प्राथमिकता देने का फ़ैसला किया गया। ओ.डी.एफ पल्स गाँव को उस गाँव के तौर पर प्रभाषित किया गया है जो अपने खुले में शौच से मुक्त दर्जे को बहाल रखता है और साफ़ सुथरी छवि के साथ-साथ ठोस और तरल कूड़े के प्रबंधन को यकीनी बनाता है।

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मुख्यमंत्री की तरफ से जल और सेनिटेशन के लक्ष्यों को हासिल करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया जिससे लोगों को जीवन के बुनियादी मानक को यकीनी बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रालय की मीटिंग के उपरांत ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग को ग्राम पंचायतों को जल और सेनिटेशन कामों के लिए आरक्षित फंडों का प्रयोग करने के लिए ज़रूरी हिदायतें जारी करने के लिए निर्देश दिए गए। 15वें वित्त आयोग की ग्रांटें के सुयोग्य और पारदर्शी प्रयोग को यकीनी बनाने के लिए ग्राम पंचायतों के जल और सेनिटेशन विभागों की बंधी और खुली (टाईड और अन-टाईड) ग्रांटें अलग-अलग तीन बैंक खातों में तबदील की जाएंगी।

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पंजाब सरकार की तरफ से 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत पहले ही सभी गाँवों को ग्रांटें बाँटी जा चुकी हैं जिसके अंतर्गत फंड प्रति जल और सेनिटेशन कामों के लिए 25 प्रतिशत बंधे हैं। जल प्रोजैक्ट के लिए पंजाब की तरफ से वित्त आयोग की ग्रांटों के साथ मिला कर इस्तेमाल किये जाने वाले फंडों समेत वित्त साल 21 और वित्तीय साल 22 में अपने हिस्से की वजह से करीब 1000 करोड़ खर्च किए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में जल सप्लाई स्कीमों को बड़े पैमाने पर मज़बूत करने के लिए 2000 करोड़ की लागत वाले प्रोजैक्ट प्रमुखता के साथ मुकम्मल किये जाएंगे।
मंत्रालय की तरफ से आगे फ़ैसला लिया गया कि पंजाब सरकार के जल और सेनिटेशन के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए फंडों की उपलब्धता की कमी आने पर ग्राम पंचायतों /ब्लाक सम्मतियों /जिला परिषदों के अन्य स्रोतों से प्राप्त फंडों का इस्तेमाल किया जायेगा जिससे राज्य 100 प्रतिशत घरों के लिए जल सप्लाई कनैक्शन और अगले पाँच सालों में समूचे गाँव ओ.डी.एफ पल्स बनाने के लक्ष्य को मुकम्मल कर सके।

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मंत्रालय की तरफ से ग्रामीण विकास और पंचायती विभाग को पंचायती राज संस्थायों को 15वें वित्त कमीशन के अंतर्गत गाँवों में अलग -अलग सेनिटेशन गतिविधियों के लिए टाईड ग्रांटों का प्रयोग करने के लिए दिशा निर्देश जारी करने के लिए भी आज्ञा दी गई है। इन कामों में सामूहिक रूप में शौचालयों का निर्माण, कम्युनिटी कम्पोस्ट गड्ढों का निर्माण, सूखापन पिटस /ग्रेय् वाटर मैनेजमेंट, अपशिष्ट पानी की गुणवत्ता सैंपलिंग और टेस्टिंग, ट्राई साइकिलों /अन्य वाहनों के ज़रिये कूड़े को घरों से गाँव स्तर के प्रबंधन स्थान तक ले जाने और कम्पोस्ट केन्द्रों का प्रबंधन, कूड़े को इक्ठा करने और अलग करने के लिए श्रम शामिल हैं।
यह बताने योग्य है कि पंजाब मंत्रालय की तरफ से अपनी 24 मई, 2020 की मीटिंग में 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत टाईड जल फंडों के प्रयोग को पहले ही मंज़ूरी दी जा चुकी है जो 100 फीसद घरों के लिए पाईपों वाले जल कनैक्शन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पंचायती राज संस्थायों के पास जल जीवन मिशन फंडों के रूप में उपलब्ध हैं।
जल जीवन मिशन भारत सरकार की तरफ से 2024 तक 100 प्रतिशत ग्रामीण घरों को जल कनैक्शन देने के लिए शुरू किया गया था। पंजाब सरकार 100 फीसद ग्रामीण घरों को कार्यशील घरेलू टोंटी कुनैकशनों के अंतर्गत अगले दो सालों में मार्च 2022 के अंत तक तेज़ी के साथ कवर करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
राज्य के जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग की तरफ से 11399 गाँवों (94.75 प्रतिशत) को पाईपों के ज़रिये जल सप्लाई पहले ही मुहैया करवाई जा चुकी है और 50 फीसद घरों को एफ.एच.टी.सी के अंतर्गत कवर किया जा चुका है। विभाग की तरफ से बाकी बचते 17.50 लाख घरों को अगामी दो सालों में कवर करने के लिए योजएं तैयार की गई है। स्वै-खुलासा योजना (वी.डी.एस) चल रहे अप्रवानित कुनैकशनों को बिना किसी लागत के रेगुलर करने के लिए 15 जून, 2020 से शुरू की गई थी। इसके अलावा विस्तृत घरेलू सर्वेक्षण भी जल्दी ही किया जायेगा। बाकी बचते घरों को पंचायतों के द्वारा पाईप जल सप्लाई दी जायेगी।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज़-2 के अंतर्गत भारत सरकार की तरफ से भाईचारक भागीदारी के द्वारा समूचे भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में साफ़ सफ़ाई और सेनिटेशन की और मज़बूती का लक्ष्य रखा गया है। मिशन का मकसद गाँवों के खुले में सोच से मुक्त के दर्जे को बहाल रखने और गाँवों में ठोस और तरल कूड़े के प्रबंधन की सुविधा मुहैया करवाना है। यह योजना पंचायतों के द्वारा 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत प्राप्त ग्रांटें, मनरेगा और अन्य फंडों के मिलने पर केंद्रित है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज़-2 में रह गए लाभपात्रियों के घरों में शौचालयोंं का निर्माण, भाईचारक सैनीटरी कंपलैक्स मुहैया करवाना, कम्पोस्टिंग समेत सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, तरल वेस्ट मैनेजमेंट और ग्रेय् वाटर मैनेजमेंट, शौचालयो के वेस्ट के प्रबंधन और सूचना और बेरोक बहाव, स्वभाव की रचनात्मक तबदीली के लिए शिक्षा और संचार गतिविधियां शामिल हैं।

-NAV GILL

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