पंजाब पुलिस ने कनाडा और जर्मनी से चलाए जा रहे खालिस्तान जि़ंदाबाद फोर्स के आतंकवादी मोड्यूल का किया पर्दाफाश

चंडीगढ़ 4 अक्तूबर:
पंजाब पुलिस को रविवार को मिली एक बड़ी सफलता के अंतर्गत होशियारपुर जिले के गाँव नूरपुर जाट्टां के दो व्यक्तियों मक्खन सिंह गिल उर्फ अमली और दविन्दर सिंह उर्फ हैप्पी को गिरफ़्तार करके खालिस्तान जि़ंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के आतंकवादी मोड्यूल का पर्दाफाश किया गया। पुलिस ने उनके पास से 2 अत्याधुनिक हथियार और असला बरादम किया जिसमें एक एमपी5 सब-मशीन गन समेत दो मैगज़ीन और 30 जि़ंदा कारतूस और एक 9एमएम पिस्तौल समेत दो मैगज़ीन और 30 जि़ंदा कारतूसों के अलावा एक सफ़ेद रंग की ईटीओस कार (पीबी-11-बीक्यू 9994), 4 मोबाइल फ़ोन और एक इन्टरनेट डौंगल शामिल हैं।
डीजीपी पंजाब पुलिस श्री दिनकर गुप्ता ने इस बारे जानकारी देते हुए बताया कि प्राथमिक जांच के दौरान दोनों ने खुलासा किया कि कैनेडा रहते हरप्रीत सिंह ने तकरीबन 2 महीने पहले उनके साथ संपर्क करके उनको पंजाब में आतंकी मॉड्यूल खड़ा करने के लिए उकसाया। तफ़तीश के दौरान दिए बयानों के अनुसार हरप्रीत खालिस्तान जि़ंदाबाद फोर्स (केज़ैडएफ) का कार्यकर्ता है जो अक्सर पाकिस्तान जाता रहता है और पाक आधारित केज़ैडएफ के प्रमुख रणजीत सिंह उर्फ नीटा का करीबी साथी है। मुलजिमों ने आगे बताया कि उपरोक्त हथियार और असला उनको नीटा ने अपने अनजान गुर्गों के द्वारा सप्लाई किया है। इस मोड्यूल में शामिल कुछ और विदेशी आतंकवादियों, जिनका अमरीका और जर्मनी के साथ सम्बन्ध होने का शक है, के बारे में श्री गुप्ता ने बताया कि ये लोग विदेशी फंड के तौर पर मनी ट्रांसफर सेवाओं जैसे कि वेस्टर्न यूनियन और अन्रू कई चैनलों के द्वारा पैसा अमली को ट्रांसफर कर रहे थे।
डीजीपी ने आगे खुलासा किया कि मक्खन सिंह उर्फ अमली एक कट्टरपंथी खालिस्तानी आतंकवादी है जिसको पहले पंजाब पुलिस ने आतंकवाद के साथ सम्बन्धित अलग-अलग अपराधों में गिरफ़्तार किया था। अमली पाकिस्तान से भी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुका है और 1980 और 1990 के दशकों के दौरान अमरीका में भी रहा है। वह पाक आधारित बब्बर खालसा इंटरनैशनल के प्रमुख वधावा सिंह बब्बर के साथ पास से जुड़ा रहा है और 14 सालों तक उसके साथ पाकिस्तान में रहा।
उन्होंने बताया कि इस बारे में तारीख़ 04.10.2020 को एफआईआर नं. 204 अधीन धारा 120-बी, 121, 152 आइपीसी, आर्मज़ ऐक्ट की धारा 25/54/59, समेत धारा 17, 18, 18-बी, 20 गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन ऐक्ट के अंतर्गत थाना माहिलपुर, जि़ला होशियारपुर में केस दर्ज किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि अमली काफ़ी समय से अलग-अलग आतंकवादी और अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। इससे पहले उसके विरुद्ध तकरीबन 7 केस दर्ज हुए और चालान पेश हुए परन्तु वह बरी हो गया।
उन्होंने कहा कि अमली के विरुद्ध 16.05.2010 को एफआईआर नं. 30 थाना महटियाना, जि़ला होशियारपुर में हथियार ऐक्ट और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) ऐक्ट की धारा 25, 54, 59 के अंतर्गत केस दर्ज किया गया था। इसके अलावा उसके खि़लाफ़ एक और एफआईआर 24 एसएसओसी अमृतसर में तारीख़ 25.07.2010 को हथियार ऐक्ट 25, 54, 59 और विस्फोटक पदार्थ ऐक्ट की धारा 3, 4, 5 अधीन दर्ज की गई थी। इसी तरह तारीख़ 18.10.2010 को थाना सदर, होशियारपुर जिले में उसके विरुद्ध एफआईआर नं. 152 के अंतर्गत हथियार ऐक्ट की धारा 25, 54, 59 और विस्फोटक पदार्थ ऐक्ट समेत 17, 18, 19, 20 के अंतर्गत गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) ऐक्ट 3, 4, 5 दर्ज की गई थी। इसके अलावा, उसके विरुद्ध एनडीपीएस के अंतर्गत एफआईआर नं. 76 थाना माहिलपुर, होशियारपुर जिले में तारीख़ 11.06.2017 को एनडीपीएस ऐक्ट की धारा 18, 25, 61, 85 के अंतर्गत केस दर्ज हैं। श्री गुप्ता ने बताया कि इसके अलावा उसके विरुद्ध एक और एफआईआर नं. 163 थाना माछीवाड़ा, पुलिस जि़ला खन्ना में विस्फोटक पदार्थ ऐक्ट की धारा 4, 5 के अंतर्गत केस दर्ज हुआ था।
डीजीपी ने कहा कि आतंकवादी हमले करके राज्य में शांति और सद्भावना को भंग करने की कोशिश कर रहे कुछ खालिस्तान समर्थक तत्वों के घिनौने मंसूबों बारे जानकारी के आधार पर पंजाब पुलिस राज्य में घूम रहे या देश के अलग अलग हिस्सों से दाखि़ल हो रहे सभी संदिग्ध व्यक्तियों की तलाशी, छापे और चैकिंग को यकीनी बना रही है। हाल ही में इस सम्बन्धी पंजाब पुलिस की तरफ से लगातार चौकसी के साथ की जा रही कोशिशें और आरंभ की गई मुहिम के परिणामस्वरूप इस मोड्यूल की गिरफ़्तारी संभव हुई है।
-NAV GILL

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