देवी लक्ष्मी का यह मंदिर नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा…

धर्मेन्द्र संधू

भारत के प्राचीन मंदिर देश के साथ ही विदेश के श्रद्धालुओं की भी आस्था का केंद्र हैं। पूरा साल श्रद्धालु इन मंदिरों में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। खासकर उड़ीसा, कर्नाटक आंध्र प्रदेश के मंदिर प्राचीन होने के साथसाथ वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध हैं। एक ऐसा ही प्राचीन मंदिर आंध्र प्रदेश में स्थित है जिसेदेवी पद्मावती मंदिरकहा जाता है।

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देवी पद्मावती मंदिर

देवी पद्मावती को समर्पित यह मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। तिरुपति से 5 किलोमीटर की दूरी पर तिरुचनूर नामक स्थान है। इसी स्थान पर यह भव्य मंदिर बना हुआ है। देवी पद्मावती को भगवान विष्णु की पत्नी माना जाता है। इसी स्थान पर भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर तिरुपति से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मान्यता है कि इन दोनों मंदिरों के दर्शन किए बिना यात्रा पूर्ण नहीं होती। इन मंदिरों में भगवान विष्णु का पूजन भगवान वेंकटेश्वर और माता लक्ष्मी का पूजन देवी पद्मावती के रूप में किया जाता है। मान्यता है कि देवी कमल के तालाब में प्रकट हुई थी। यह तालाब मंदिर में एक कुंड के रूप में आज भी देखा जा सकता है।

मंदिर का इतिहास

मंदिर के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि देवी पद्मावती का 12 साल तक पताल लोक में वास करने के बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की पंचमी को धरती पर अवतरण हुआ था। महाराजा पद्म सिंह ने मां लक्ष्मी के मंदिर का निर्माण करवाया था। यह भी कहा जाता है कि पहले सिर्फ तिरुचनूर में भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर था। यह मंदिर आकार में बहुत छोटा था इसलिए पुजारियों को पूजा धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए दिक्कत होती थी। बाद में धार्मिक अनुष्ठान इस मंदिर की बजाय अन्य स्थान पर होने लगे। 12वीं शताब्दी में यादव राजाओं ने इस स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित मंदिर का निर्माण करवाया। 16-17वीं शताब्दी में यहां देवी पद्मावती को समर्पित मंदिर का निर्माण करवाया गया।

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मंदिर का वास्तुशिल्प

देवी पद्मावती मंदिर द्रविड़ शैली में निर्मित है। मंदिर में मुख्य रूप से देवी पद्मावती की चांदी से बनी प्रतिमा के दर्शन होते हैं। देवी पद्मावती पद्मासन पर विराजमान हैं। सोने से देवी पद्मावती का श्रृंगार करने की परंपरा है। देवी के हाथ में दो कमल के फूल हैं जो अभय और वरदान के प्रतीक हैं।

देवी पद्मावती मंदिर तक कैसे पहुंचें ?

देश के किसी भी कोने से देवी पद्मावती मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। तिरुपति तक देश के कई हिस्सों से रेल गाड़ियां चलती हैं। तिरुपति रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 5 किलोमीटर है। रेलवे स्टेशन से बस, आटो या टैक्सी द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। चेन्नई से तिरुपति 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। चेन्नई से भी रेल या बस द्वारा देवी पद्मावती मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।

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