दिव्यांग व्यक्तियों के विलक्षण अपंगता पहचान कार्ड बनाने में पंजाब को मिला सातवां स्थान – अरुणा चौधरी

चंडीगढ़, 26 फरवरी:
पंजाब के सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अरुणा चैधरी ने आज यहाँ बताया कि विभाग ने यू.डी.आई.डी. कार्डों की स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार दिव्यांग व्यक्तियों (पी.डबल्यू.डीज़) के लिए आनलाइन विलक्षण अपंगता पहचान (यूडीआईडी) कार्ड बनाने में देश भर में से 7वां स्थान हासिल किया है।
यहां जारी एक बयान में श्रीमती चौधरी ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की तरफ से दिए गए 3,58,206 के लक्ष्य के मुकाबले अब तक दिव्यांग व्यक्तियों को कुल 1,89,323 यू.डी.आई.डी. कार्ड जारी किये गए हैं। उन्होंने बताया कि विभाग को यू.डी.आई.डी. पोर्टल पर 3,27,127 आवेदन प्राप्त हुई हैं, जिनमें से दिव्यांग व्यक्तियों को दस्तावेजों की जांच और तस्दीक के बाद 52.85 प्रतिशत (1,89,323) यू.डी.आई.डी. कार्ड जारी किये गए हैं, जिससे राज्य को इस प्रोजैक्ट की कारगुजारी स्तर सूची में ‘आगे बढ़ रहे राज्य की श्रेणी’ में शामिल है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि विभाग की तरफ से अब तक योग्य लाभार्थियों को 1,48,277 यू.डी.आई.डी. कार्ड भेजे जा चुके हैं, जोकि भेजे गए कुल कार्डों का 84.27 प्रतिशत बनता है।

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यू.डी.आई.डी. कार्ड बनाने की जिम्मेदारी वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की पीठ थपथपाते हुये श्रीमती चौधरी ने कहा विभाग को साल 2019 में आनलाइन कार्ड बनाने के काम में लगाया गया था और उस समय से कर्मचारियों की टीमें पूरी तनदेही से काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 लाकडाऊन/कफ्र्यू के बावजूद लाकडाऊन के समय दौरान राज्य की तरफ से अपंग व्यक्तियों को 42,699 यू.डी.आई.डी. कार्ड जारी किये गए हैं।’
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि समर्पित स्टाफ के ठोस प्रयासों के कारण हम यू.डी.आई.डी. कार्ड बनाने में भारत में से 7वां स्थान हासिल कर सके हैं। उन्होंने आगे कहा कि विभाग बाकी रहते यू.डी.आई.डी. कार्ड बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाया है जिससे दिव्यांग व्यक्तियों को विभिन्न सरकारी स्कीमों के अंतर्गत सुखद और पारदर्शी ढंग से लाभ प्राप्त करने के समर्थ बनाया जा सके।

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श्रीमती चौधरी ने कहा कि बाकी रहते दिव्यांग व्यक्तियों को यू.डी.आई.डी. कार्ड मुहैया कराने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी डिप्टी कमीशनरों को मासिक मीटिंगों में प्रोजैक्ट की प्रगति की समय-समय पर निगरानी करने के लिए कहा गया है। सिविल सर्जनों को प्राथमिक आधार पर आफलाईन जारी किये जाते सर्टीफिकेटों को डिजिटल रूप में जारी करने की हिदायत की गई है। इसके साथ ही उनको आवेदन रद्द करने की दर में में कमी लाने के लिए कहा गया है, खास कर जहाँ आवेदक के द्वारा अपलोड किये गए दस्तावेजों में सिर्फ मामूली गलतियाँ हों। इसके अलावा सभी जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों को दिव्यांग व्यक्तियों के लिए वित्तीय सहायता योजना लाभार्थियों को यू.डी.आई.डी. पोर्टल पर रजिस्टर करने के लिए प्रेरित करने का जिम्मा सौंपा गया है। इसके साथ ही डी.ई.ओज़ (एलिमेंट्री और सेकेंडरी) की तरफ से सरकारी स्कूलों के जरिये अपाहिज विद्यार्थियों को यू.डी.आई.डी. पोर्टल पर रजिस्टर करवाया जा रहा है। उन्होंन बताया कि राज्य के अलग-अलग स्थानों पर विशेष फैसिलीटेशन कैंपों का शड्यूल तैयार किया है।
कैबिनेट मंत्री ने आगे बताया कि राज्य में दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरन और उनके लिए सार्थक माहौल सृजन करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से हाल ही में पंजाब दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना (पी.डी.एस.वाई.) को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों को पहचान के लिए कई दस्तावेज रखने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यू.डी.आई.डी. कार्ड में सारी अपेक्षित जानकारी है जिसको रीडर की सहायता से पढ़ा जा सकता है।  
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