तलवंडी साबो बिजली घर को अब किस कानून के तहत नोटिस दिया : प्रो. बलजिंदर कौर

पटियाला-आम आदमी पार्टी की तलवंडी साबो से विधायिका प्रो. बलजिंदर कौर ने कहा कि पंजाब बिजली निगम ने तलवंडी साबो बिजली घर वणावाली को किस कानून के तहत नोटिस जारी किया है। इस बिजली घर के दो यूनिट बीते दो दिनों से बंद चल रहे हैं। जबकि सरकार की ओर से यह कहा जा रहा था कि प्राइवेट बिजली घरों के साथ अकाली सरकार ने समझौते किए थे। इसलिए इनमें कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।

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सरकार इन प्राइवेट बिजली घरों के साथ हुए समझौतों को सार्वजनिक करे। इन पर व्हाइट पेपर जारी करे। सरकार इन मामलों पर चुप्पी साधे हुए हैं। सत्ता में आने से पहले कैप्टन सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि यदि हमारी सरकार सत्ता मंर आएगी। तो हम अकाली-भाजपा सरकार की ओऱ से किए गए समझौतों पर दोबारा गौर करेंगे। प्रो. कौर ने कहा कि कैप्टन सरकार बीते साढे चार साल से कुंभकर्णी नींद में सोयी हुई थी। जनता जानता चाहती है कि अब विपक्षी दलों के दबाव के बाद बिजली निगम ने क्यों नोटिस दिया। इसका तात्पर्य यह है कि कैप्टन सरकार जनता को इतने समय तक बेवकूफ बनाती रही।

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हम यह भी पूछना चाहते हैं कि यदि गुजरात की बिजली उत्पादन कंपनियों के साथ बिजली उत्पदान में 50 फीसद बिजली लेने का समझौता किया था। और 50 फीसद बिजली को खुली मंडी में बेचने की व्यवस्था की गई थी। तो पंजाब की प्राइवेट बिजली कंपनियों के साथ ऐसा क्यों नहीं किया गया। बीती सरकार ने बिना कुछ सोचे समझे 100 फीसद बिजली खरीदने का समझौता किया। इसमें बड़ा घपला नजर आ रहा है। पंजाब को तीन से चार माह पीक बिजली की जरुरत पड़ती है। क्यों कि इस दौरान किसानों को फसलों की बुआई करनी होती है। बाकि सारा साल बिजली की मांग छह हजार मैगावॉट से कम ही रहती है। ऐसी सूरत में सारी बिजली क्यों खरीदी जाए। और बंद पड़े बिजली घरों से बिजली न खरीद कर पेमेंट दी जाए। इसके पीछे क्यों उद्देश्य था। चाहे पिछली सरकार ने यह समझौते किए थे। परंतु कैप्टन सरकार अब तक आंखे क्यों मूंदे रही। कैप्टन सरकार की चुप्पी में कई गहरे राज छिपे हुए हैं। इन रहस्यों से पर्दा उठाना जरुरी है।

-Nav Gill

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