तय समय के बाद पटाख़े न चलाने को यकीनी बनाने के लिए डिप्टी कमीश्नरों और जिला पुलिस मुखियों को हिदायतें जारी

दीवाली के अवसर पर दो घंटों के निश्चित समय के बाद पटाख़े चलाने की इजाज़त न देने बारे सुप्रीम कोर्ट के हुक्मों के सख्ती से पालन को यकीनी बनाने के लिए पंजाब सरकार ने समूह डिप्टी कमीश्नरों, पुलिस कमीश्नरों, जिला पुलिस मुखियों और पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के रीजनल अफसरों को इन हिदायतों के अमल के लिए विस्तृत हिदायतें जारी की हैं।
वातावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के डायरैक्टर के.एस. पन्नू ने बताया कि दीवाली और गुरू पर्व के अवसर पर अनियंत्रित पटाख़े चलने से हवा और ध्वनि प्रदूषण बढऩे ख़ासकर सर्द ॠतु के दौरान बढऩे के मद्देनजऱ इस समस्या की रोकथाम के लिए सख़्त कदम उठाने की तत्काल ज़रूरत है। सभी सम्बन्धित अथोरिटी को दीवाली वाली रात 8 बजे से 10 बजे तक के स्वीकृत समय के बाद पटाख़े चलाने को रोकने के लिए सख़्त चौकसी बरतने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि यदि कोई उल्लंघन हुआ तो सम्बन्धित थाने का प्रमुख निजी तौर पर जि़म्मेदार होगा और उसके विरुद्ध सख़्त कार्यवाही की जायेगी।
श्री पन्नू ने आगे बताया कि यह पटाख़े न सिफऱ् हानिकारक प्रभाव छोड़ते हैं बल्कि कणिकीय पदार्थ (पी.एम.) छोड़ते हैं जिससे हवा प्रदूषण का स्तर 2.5 पी.एम. से बढक़र 10 पी.एम. हो जाता है। यह गैसें और पी.एम. 2.5 हमारे फेफड़ों में सीधे तौर पर दाखि़ल हो जाते हैं जो लोगों ख़ासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए बहुत ज़्यादा नुकसानदेय है।
यह जि़क्रयोग्य है कि सुप्रीम कोर्ट की वर्ष 2015 की सिवल रिट्ट पटीशन नंबर 728 में दीवाली और गुरूपर्व की रात 8 बजे से पहले और 10 बजे के बाद हर प्रकार के पटाख़े चलाने की पाबंदी लगाई गई है। इसी तरह क्रिसमस और नये साल की पूर्व संध्या के अवसर पर आधी रात 12 बजे के करीब ऐसे पटाख़े चलाए जाते हैं और अब सिफऱ् रात 11.55 से 12.30 तक पटाख़े चलाने की इजाज़त दी गई है।
हमारी भावी पीढिय़ों के लिए हमारे वातावरण की सुरक्षा के लिए हरेक व्यक्ति को गंभीर प्रयास करने का न्योता देते हुए श्री पन्नू ने कहा कि लोगों को हमारी आबो -हवा को पैदा होने वाली चुनौती का एहसास करने का यह उपयुक्त समय है। उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर की कि इस बार बड़ी तबदीली देखने को मिलेगी और सरकार अपने नागरिकोंं को प्रदूषण मुक्त वातावरण मुहैया करवाने को यकीनी बनाने के लिए वचनबद्ध है और उनको इस साल ‘प्रदूषण रहित दीवाली’ (ग्रीन दीवाली) मनाने की अपील की है।

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