‘तनाव’ हो सकता है सेहत के लिए नुकसानदायक….ऐसे पाएं ‘तनाव’ से छुटकारा…

तनाव आज कल की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में आम बात है। तनाव के कई कारण हो सकते है। यह तनाव आपकी ज़िन्दगी से सुकून और शांति को खत्म कर देता है। आज के समय में हर तीसरा व्यक्ति तनावग्रस्त है। किसी को नौकरी के चलते तनाव है तो किसी को नौकरी न मिलने के कारण तनाव है। बच्चे पढ़ाई के कारण तनाव का शिकार हैं और महिलाएं घरेलु काम काज व अकेलेपन के कारण तनाव में रहती है। बाकी बचे हमारे समाज के बुजुर्ग वह  भी किसी न किसी वजह से तनाव ग्रस्त हैं। तनाव ने मानव के जीवन से रस को चूस लिया है और जीवन नीरस सा बनता जा रहा है। किन्तु तनाव पैदा होने के कुछ ऐसे कारण भी हैं जिन्हें हमने खुद ही बनाया है और हम खुद ही उन कारणों को समाप्त भी कर सकते हैं। तनावमुक्त होकर हम एक स्वस्थ और अच्छा जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

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तनाव क्या है ?

तनाव मनःस्थिति से उपजा एक विकार है। तनाव तब पैदा होता है जब इंसान अपनी भावनाओं और बाहरी परिस्थितियों में तालमेल नहीं बिठा पाता। ऐसी स्थिति में हमारी कार्य क्षमता प्रभावित होती है और हमारे शारीरिक व मानसिक विकास में अवरोध उत्पन्न होता है।

तनाव के लक्षण

तनाव मानव जीवन को बहुत गहरे तक प्रभावित करता है। एकाग्र न हो पाना , निराशा, अकेले रहना , याददाशत का कमजोर होना और मन में नकारात्मक सोच का पैदा होना तनाव के प्रमुख लक्षण हैं। इसके अलावा भी कुछ लक्षण हैं जो व्यक्ति के तनाव की स्थिति में होने को दर्शाते हैं। जैसे – पाचन क्रिया का धीमा हो जाना, रक्त संचार का ठीक न होना, वजन घट जाना, दिल का तेज़ी से धड़कते रहना ,अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ जाना, थकान महसूस करना , मन का उदास रहना , अचानक सांस तेज़ होना ।

तनाव के कारण पैदा होने वाली समस्याएं

तनाव एक मनौवैज्ञानिक रोग है। किन्तु तनाव से शरीर व स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। तनावग्रस्त व्यक्ति को कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से जूझना पड़ता है और इसके कारण कई अन्य रोग भी उत्पन्न हो जाते हैं।

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नींद न आना

तनाव का सबसे पहला प्रभाव व्यक्ति की नींद पर पड़ता है। इससे व्यक्ति को नींद नहीं आती और वह धीरे-धीरे अनिद्रा की समस्या का शिकार हो जाता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है कम

तनाव में रहने के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। जिसके कारण सर्दी , जुकाम और कई अन्य रोग व समस्याएं पैदा होने लगती हैं और इंसान जल्दी बिमार पड़ता है।

हाई ब्लड प्रेशर

तनाव के कारण खून की धमनियां सिकुड़ने लगती हैं और दिल की धड़कन बढ़ने लगती है। अगर इस समस्या को ज्यादा देर तक नज़र अंदाज़ किया जाए तो यह समस्या आगे चलकर दिल के रोगों का कारण बन सकती है।

शुगर होने का खतरा

तनाव की वजह से शुगर को ग्लूकोज़ में परिवर्तित करने वाले जरूरी हार्मोन इंसुलिन के सिक्रीशन में रुकावट आती है और इससे ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ जाता है।

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सांस संबंधी समस्याएं

तनाव की स्थिति में सांसों की गति बहुत तेज़ हो जाती है जिससे व्यक्ति के शरीर में अस्थमा जैसे लक्षण नज़र आने लगते हैं।

माइग्रेन

माइग्रेन तनाव की स्थिति में जन्म लेने वाली सबसे आम समस्या है। तनाव से लड़ने के लिए ब्रेन से सिक्रीट होने वाले हार्मोनस की नबज़ सिकुड़ने लगती है जिससे व्यक्ति को अस्थायी  लेकिन तेज़ सिर दर्द या माइग्रेन जैसी समस्याए हो सकती हैं।

प्रजनन तंत्र पर प्रभाव

तनाव व्यक्ति की प्रजनन क्षमता पर भी बुरा प्रभाव डालता है। ज्यादा तनाव रहने पर शरीर में हार्मोनस का संतुलन बिगड़ने के कारण प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है।

त्वचा संबंधी समस्याएं

तनाव के कारण इंसान के चेहरे की चमक समाप्त हो जाती है। और साथ ही त्वचा संबंधी कई प्रकार की समस्याएं पैदा हो जाती हैं। आंखों के नीचे काले घेरे होना आम बात है साथ ही त्वचा ढीली पड़ने लगती है और बुढापे के लक्षण दिखने लगते हैं और एलर्जी की समस्या भी पैदा हो सकती है।

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तनाव को कैसे करें दूर

सही लाइफ स्टाइल चुनें

आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में तनाव से बचने के लिए जीने के सही तरीकों को चुनने की जरूरत है। सही समय पर सोना व उठना और सुबह उठने के बाद योगा व ध्यान और हल्की कसरत करना और साथ ही समय पर पौष्टिक भोजन करना । यह कुछ ऐसी अच्छी आदतें हैं जिन्हें अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर व अपनाकर आप तनाव से दूर रह सकते हैं।

काम का अधिक बोझ न लें

आज हर इंसान की ज़िन्दगी एक ऐसे दौर से गुज़र रही है कि हम न चाहते हुए भी ज्यादा से ज्यादा धन कमाने की दौड़ में शामिल हो चुके हैं,  इससे हमने अपने आप पर काम का इतना बोझ डाल लिया है कि जिन्दगी जीने के लिए और आराम से बैठने के लिए समय ही नहीं बचता । इस लिए तनाव से बचने के लिए अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करें ।

सकारात्मक रहें

आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में संघर्ष बढ़ता ही जा रहा है। यदि आप भी ऐसे ही दौर से गुज़र रहे हैं तो अपने मन में नकारात्मक विचार न आने दें। हमेशा सकारात्मक रहें। जिन्दगी हमेशा परीक्षा लेती है । अगर आप कोशिश कर रहे हंै तो एक दिन कामयाबी भी जरूर मिलेगी। लेकिन निराश न हों।

अपने और अपनों के लिए समय निकालें

जिन्दगी में चाहे लाख परेशानियां आएं लेकिन फिर भी इसे एक रेस की तरह न जीएं। अपने काम की व्यस्तता से भी अपने और अपनों के लिए थोड़ा वक्त जरूर निकालें। यह थोड़ा सा खाली समय भी आपको तनाव से मुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

दूसरों की मदद करें

स्वार्थी न बनें। केवल अपने बारे में ही न सोचें। थोड़ा वक्त निकाल कर जितना भी संभव हो सके , दूसरों की मदद करें। याद रखें कि दुनिया में हमारा निवास अस्थायी है । नेक कर्म करें तथा मूल्यवान जीवन जीएं।

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मन की बात शेयर करें

कोई भी ऐसी बात जो आपको बुरी लगती है उसे मन में न दबाएं। ऐसी बात को अपने किसी करीबी दोस्त, पति या फिर किसी पारिवारिक सदस्य से शेयर करें । इससे आपका मन शांत रहेगा ।

नशे से दूर रहें

जिन्दगी में कितना भी तनाव और निराशा क्यों न हो लेकिन फिर भी नशे के सेवन से बचें। क्योंकि नशे की लत लगाना आसान है लेकिन नशे की दलदल से निकलना बेहद मुश्किल है।

व्यायाम या योग करें

कुछ समय निकाल कर व्यायाम या कसरत और योगा जरूर करें । ऐसा करने से तनाव से मुक्त रहा जा सकता है। अगर स्थिति ज्यादा गंभीर है और तनाव व निराशा आपके मन पर अधिक हावी हो रही है तो किसी मनोविशेषज्ञ की सलाह लें।

सपना (डा.)

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