जोधपुर जेल के नजऱबंद सिखों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुख्यमंत्री से मुलाकात

-मुख्यमंत्री द्वारा मुआवज़े के विरुद्ध केंद्र सरकार की अपील वापस करवाने के लिए हर संभव प्रयास करने का भरोसा 

चण्डीगढ़ : जोधपुर ज़ेल के नजऱबंद सिखों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज यहाँ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ मुलाकात की जिस दौरान मुख्यमंत्री ने उनको भरोसा दिलाया कि मुआवाज़ा राशि देने के विरुद्ध केंद्र सरकार द्वारा पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में दायर की गई अपील वापस करवाने के लिए राज्य सरकार हर संभव कोशिश करेगी।

मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के विचार बहुत ध्यान से सुने। इस प्रतिनिधिमंडल में जून, 1984 के ‘ऑपरेशन बल्यू स्टार’ के उपरांत गिरफ्तार करके जोधपुर ज़ेल में नजऱबंद सिख शामिल थे। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि राज्य सरकार की तरफ से केंद्र सरकार के समक्ष इस मसले की पैरवी की जा रही है। बीते वर्ष अपै्रल महीने में अमृतसर की जि़ला और सैशन अदालत की तरफ से नजऱबंद सिक्खों को मुआवज़े देने के दिए आदेश के विरुद्ध केंद्र सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में अपील दायर की हुई है।

मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को जानकारी दी कि उन्होंने इस सम्बन्ध में पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिख दिया है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि उन्होंने केंद्र सरकार को अदालत की तरफ से तय की मुआवज़े की 4.5 करोड़ रुपए की आधी राशि का भुगतान बिना किसी देरी से करने की अपील की है। 

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को बीते बुधवार को लिखे एक अर्ध सरकारी पत्र में मुख्यमंत्री ने बताया कि अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों को साझे तौर पर यह मुआवज़ा राशि अदा करने के आदेश दिए थे परन्तु केंद्र सरकार ने मुआवज़ा देने के विरुद्ध अपील दायर कर दी जिसकी सिख समुदाय ने सख्त प्रतिक्रिया दी। मुख्यमंत्री ने सावधान किया कि इससे समुदाय में अन्याय होने और बेगानेपन की भावना पैदा हो सकती है।

ऑपरेशन बल्युू स्टार के मद्देनजऱ कुल 375 व्यक्तियों को गिरफ्तार करके जोधपुर जेेल में नजऱबंद किया गया था जिनको बाद में मार्च, 1989 और जुलाई, 1991 के बीच तीन बैचों में रिहा किया गया था। इनमें से 224 नजऱबंदियों ने ‘ग़ैर-कानूनी तौर पर नजऱबंद करने और कष्ट देने’ के दोष के अंतर्गत निचली अदालत में मुआवज़े के लिए अपील दायर की थी परन्तु साल 2011 में अदालत से इनको कोई राहत नहीं मिली। 

इनमें से 40 नजऱबंदियों ने अमृतसर की जि़ला और सैशन कोर्ट में अपील कर दी और अदालत ने बीते साल अप्रैल महीने में प्रति व्यक्ति 4 लाख रुपए मुआवज़ा 6 प्रतिशत ब्याज (अपील दायर करने की तारीख़ से) के साथ देने के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि ब्याज सहित कुल मुआवज़ा लगभग 4.5 करोड़ रुपए बनता है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को साझे तौर पर मुआवज़ा अदा करने का आदेश दिया था। हालाँकि पंजाब सरकार ने अदालत के सामने मुआवज़े की आधी राशि देना माना है परन्तु केंद्र सरकार ने मुआवज़ा राशि देने के खि़लाफ़ पंजाब और हरियाणा हाई करोट में अपील दायर कर दी। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री को यह अपील तत्काल तौर पर वापस लेकर अदालती ओदश के अंतर्गत केंद्र सरकार के हिस्से आती 50 प्रतिशत मुआवज़ा राशि अदा करने की माँग की है।

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