कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को 15 मई तक रोज़मर्रा के 6000 आर.टी. -पी.सी.आर. कोविड टैस्ट करने के लिए कहा

-घर वापसी करने वाले पंजाबियों के बाहरी राज्यों में हुए टैस्टों पर भरोसा न करें
-नांदेड़ साहिब में पॉजिटिव केस सामने आने से पंजाब लौटे श्रद्धालुओं संबंधी विरोधियों का दावा खोखला साबित हुआ
-पंजाब मंत्रीमंडल की तरफ से पैरोल में वृद्धि के लिए संशोधन करने का फैसला
चंडीगढ़, 2 मई:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज स्वास्थ्य विभाग को राज्य में 15 मई तक रोज़मर्रा के 6000 आर.टी. -पी.सी.आर कोविड टेस्टिंग करने के लिए कहा है जबकि विभाग ने मई के आखिर तक रोज़मर्रा के 5800 टैस्टों का लक्ष्य निश्चित किया था। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्य में घर वापसी करने वाले पंजाबियों के बाहरी राज्यों में हुए टैस्टों को ही आधार मान लेने की बजाय अपने स्तर पर टैस्ट करने की हिदायत की।
पंजाब वापस लौटने वालों में से बड़ी संख्या में लोगों का टैस्ट पॉजिटिव आने का जि़क्र करते हुये मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बाहरी राज्यों में फंसे हुए जिन पंजाबियों के टैस्ट सम्बन्धी राज्योंं में हुए हैं, पंजाब उन टैस्टों पर भरोसा नहीं कर सकता।
गुरुद्वारा नांदेड़ साहिब में भी कुछ सेवकों के टैस्ट पॉजिटिव आने का हवाला देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि अकालियों का दावा कि नांदेड़ में कोई भी केस पॉजिटिव नहीं था और श्रद्धालु वापसी समय पर या पंजाब पहुँचने पर इस रोग के शिकार हो गए, गल्त साबित हुआ है। उन्होंने एक बार फिर विरोधी पक्ष को ऐसे गंभीर मसले पर घटिया राजनीति बंद करने के लिए कहा।
मंत्रीमंडल की वीडियो कॉन्फ्ऱेंस के ज़रिये हुई मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के विरुद्ध राज्य की लड़ाई का यह महत्वपूर्ण समय है। मंत्रीमंडल की मीटिंग के दौरान राज्य सरकार की कोरोना के विरुद्ध जंग और तेज़ करने के लिए कई क्रमबद्ध फ़ैसले लिए गए। स्वास्थ्य विभाग को टेस्टिंग का सामथ्र्य बढ़ाने के लिए अगामी योजना तैयार करने के हुक्म देते हुये मुख्यमंत्री ने भयानक स्थिति के लिए तैयार रहने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उन्होंने पहले ही मुख्य सचिव को कह दिया था कि वह टैस्टों का सामथ्र्य 20000 प्रति दिन तक बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के साथ तालमेल करें जिससे प्रवासियों की आमद वाली स्थिति से निपटा जा सके। भारत सरकार के नये दिशें निर्देशों को देखते हुये भी आने वाले कुछ हफ़्तों में अन्य राज्यों से कईयों के राज्य में लौटने की उम्मीद है। मुख्य सचिव ने कहा कि रैपिड टेस्टिंग जब शुरू हो गई तो यह भी कम से -कम 2 लाख तक करने की ज़रूरत होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने बाबा फऱीद यूनिवर्सिटी फरीदकोट के उप कुलपति को भी कहा कि वह जालंधर में भी टैस्ट करने की व्यवस्था स्थापित करने की संभावना तलाशे जिसके लिए सरकार तुरंत 1 करोड़ रुपए का अनुदान मंज़ूर करने को तैयार है।
टैस्ट सहूलतें बढ़ाने संबंधी मुख्यमंत्री के निर्देश दो दिनों बाद आए जब उन्होंने अन्य राज्यों से पंजाब लौटने वालों को सख्ती से एकांतवास पर भेजने के आदेश किये और महाराष्ट्र से लौटने वालों में से 292 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। कुछ मंत्रियों की तरफ से आए सुझावों के जवाब में मुख्यमंत्री इसके साथ सहमत हुए कि अन्य राज्यों से लौटने वालों को सम्बन्धित गाँव के सरपंच और पंचायत के साथ तालमेल करके घर में ही एकांत में रखने के प्रस्ताव की समीक्षा की जाये।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कैबिनेट को बताया कि पंजाबियों को घर लाने के लिए सहायता देने के लिए उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर अफसरों को हरेक राज्य के साथ तालमेल के लिए नियुक्त किया है।
स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री को विश्वास दिलाया कि सभी लम्बित पड़ी टैस्ट रिपोर्टें आने वाले एक या दो दिनों में आ जाएंगी जिससे संभावित पॉजिटिव मामलों की शिनाख्त और उनके इलाज में देरी से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि निजी लेबों के साथ भी तालमेल बढ़ा कर टैस्टों की संख्या बढ़ाने के प्रबंधों को अंतिम रूप दिया जा रहा है और राज्य भर में से 2000 सैंपल लेकर उनको आज भेजे गए।
कैबिनेट की तरफ से पैरोल में वृद्धि को मंजूरी
राज्य में मौजूदा हालातों के मद्देनजऱ कैबिनेट की तरफ से उन कैदियों जिनको 7 साल या इससे कम सज़ा सुनाई गई है, के लिए महामारी और आपदाओं के दौरान पैरोल की मियाद 16 हफ़्तों से बढ़ाने की मंज़ूरी दी गई। मंत्रीमंडल की तरफ से मौजूदा सख्त हालात में सुप्रीम कोर्ट के लम्बे समय तक पैरोल सम्बन्धी दिए सुझाव के अनुसार पंजाब गुड्ड कंडक्ट परिजनरज़ एक्ट 1962 में उचित संशोधनों की मंज़ूरी दी गई।
सरकारी मैडीकल कॉलेजों के लिए आउटसोर्सिंग के आधार पर नियुक्तियों को मंज़ूरी
कोविड -19 के विरुद्ध जंग में राज्य की टेस्टिंग सुविधा और मैडीकल तैयारियों को आगे और बल देने के लिए मंत्रीमंडल की तरफ से आउटसोर्सिंग के आधार पर पटियाला, अमृतसर और फरीदकोट के सरकारी मैडीकल कालेजों में महत्वपूर्ण पदों के लिए विभिन्न नियुक्तियोंं को मंज़ूरी दी गई। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि नियुक्तियाँ जिनको वित्त विभाग ने पहले ही छह महीनों के लिए मंज़ूरी दे दी है, सरकारी मैडीकल कॉलेजों को वायरल टेस्टिंग लैबोरेटरियों, आइसोलेशन वार्डों आदि में ज़रूरी स्टाफ की नियुक्ति करने के समर्थ बनाऐंगी जिससे वह दिन -रात काम कर सकेंगे।
डा. राज बहादुर के नेतृत्व वाली कमेटी डायरेक्टरों और अन्य पदों के अलावा स्पैशलिस्ट डाक्टरों, नर्सों, वार्ड अटैंडैंटस, टैकनीशियनों, लैब अटैंडैंटस के पदों के लिए नियुक्तियों संबंधी फ़ैसला लेगी और अंतिम रूप देगी।
मंत्रीमंडल को बताया गया कि प्राथमिक 3 टेस्टिंग सहूलतों से पंजाब में ऐसे सैंटरों की संख्या 7 हो गई है और डा. लाल पथ लैबज़ को भी आज से टैस्ट करने की मंजूरी दे दी गई है। लैब की तरफ से पहले दिन राज्य भर में से 2000 नमूने एकत्रित किये गए।
राज्य में टेस्टिंग सामथ्र्य को और बढ़ाने के लिए भारत सरकार को बरनाला, रूपनगर, लुधियाना और होशियारपुर में जिला अस्पतालों में 4 नयी लैबें स्थापित करने का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके अलावा 15 ट्रूनाट मशीनें खरीदने का प्रस्ताव भेजा गया है। राज्य पटियाला और फरीदकोट में सीबीनाट टेस्टिंग शुरू करने के बारे में भी विचार कर रहा है।
कैबिनेट मंत्री विजय इंदर सिंगला ने नान -एन.ए.बी.एल. लैबों को कोविड टैस्ट करवाने की आज्ञा देने का सुझाव देते हुये कहा कि राज्य में 12 ऐसी लैबें हैं जिनको टेस्टिंग के लिए ज़रूरी मशीनों से लैस किया गया और आई.सी.एम.आर. ने भी जांच के बाद इन लेबों का प्रयोग करने की आज्ञा दी थी।
4300 जी.ओ.जीज़ के लिए मंज़ूरी
एक और फ़ैसले में मंत्रीमंडल ने 4300 गार्डीयन ऑफ गवर्नेंस (जी.ओ.जीज़) की नियुक्ति को कार्य बाद मंज़ूरी दी। पूर्व सैनिकों को लाभकारी ढंग से सेवाओं में लाने के लिए मुख्यमंत्री की प्रमुख स्कीम का हिस्सा जी.ओ.जीज़ कोविड के विरुद्ध लड़ाई में राज्य सरकार के लिए एक शक्तिशाली साधन के रूप में सामने आए हैं।
सरहदी इलाकों से अध्यापकों का तबादला
मंत्रीमंडल ने स्कूल शिक्षा विभाग की ट्रांसफर पॉलिसी में संशोधन करने के लिए सहमति दे दी है जिससे सरहदी इलाकों में तैनाती के 18 महीनों के बाद तबादले की माँग करने वाले अध्यापकों को एक बार नई भर्ती मुकम्मल होने पर तबादले की मंज़ूरी दे दी जाये जोकि पहले 3 वर्षीय थी। मंत्रीमंडल ने प्रिंसिपल और हैडमास्टरों को तबादले की नीति से बाहर निकालने की कार्य बाद मंजूरी दे दी है।

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