कैप्टन अमरिन्दर सिंह का भगवंत मान को जवाब; आपके झूठ ने आपकी सांसद के तौर पर नाकाबिलियत का पर्दाफाश किया

चंडीगढ़, 9 जनवरी:

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को आप के राज्य प्रधान भगवंत मान द्वारा बोले जा रहे कोरे झूठ की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि मान जैसे लोग जिनको संवैधानिक और कानूनी प्रक्रिया के बारे में बिल्कुल भी ज्ञान नहीं वह राजनीति में हैं और लोगों को गुमराह करने के एकमात्र उद्देश्य के अंतर्गत बिना किसी तर्क के बयान देते रहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्रीय कानूनों को चुनौती देने के लिए ज़रूरी पटीशनों को पहले ही तैयार कर लिया है और इनको कानूनी माहिरों की सलाह के साथ उचित समय पर किया जायेगा।

ये रोग शरीर के लिए है लाभदायक ! बस रखें इन बातों का ध्यान || Dr. Arun Sharma ||

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘अपने बॉस की तरह मान भी झूठ बोलने और धोखा देने की कला में महारत हासिल कर चुका है, परन्तु ऐसा करते हुए उसने संवैधानिक और वैधानिक प्रक्रियाओं के बारे में ओछे बयान देकर सांसद के तौर पर अपनी नाकाबिलियत का पर्दाफाश कर लिया। आप नेता द्वारा कृषि कानूनों को भेजने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री और राज्यपाल की मिलीभुगत के दावों पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एन.डी.ए. सरकार द्वारा पास किये कृषि कानूनों को बेअसर करने के लिए पंजाब विधान सभा ने तो सर्वसहमति से एक्ट पास किये। उन्होंने कहा, ‘‘आपको सचमुच बिल्कुल भी नहीं पता कि वैधानिक काम कैसे किये जाते हैं। उन्होंने भगवंत मान को सलाह दी कि वह ऐसे महत्वपूर्ण मामलों पर अपना मुँह बंद ही रखा करें।

सर्दी के मौसम में होने वाली समस्याओं से छुटकारा पाने का अचूक उपाय || Dr. Naveen Kumar ||

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘अगर तुम सोचते हो कि तुम झूठ बोलकर पंजाब के लोगों को गुमराह कर लोगे तो यह आपकी बहुत बड़ी गलती है, क्योंकि हरेक पंजाबी आपके फऱेबों और किसानों के साथ किए गए धोखे को देख चुका है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की तरफ से केंद्र के काले कानूनों के मुद्दे पर पहले दिन से एक ही स्टैंड लिया गया है, जिस पर वह अब तक कायम हैं परन्तु आप और अकाली दल दोनों की तरफ से बार-बार इस मुद्दे पर यू टर्न लिए जाते रहे हैं।

आपकी रसोई में पड़े ये साधारण से दाने हैं रोगों का काल, शूगर तो होगी जड़ से खत्म || Dr H K Kharbanda ||

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘एक दिन आपकी पार्टी ने हमारे बिलों पर निर्विरोध समर्थन दिया और आपके विरोधी पक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा मेरे साथ राज्यपाल के पास भी गए, परन्तु अगले ही दिन आपकी पार्टी ने विरोध करना शुरू कर दिया।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे बयान बदलने की कार्यवाही ने आम आदमी पार्टी का असली चेहरा पंजाब के लोगों के सामने नंगा किया। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आप के दोहरे मापदंड और भाजपा के साथ मिलकर किसान आंदोलन को कमज़ोर करने की साजि़श का भांडा उस समय पर फूटा जब अरविन्द केजरीवाल द्वारा पंजाब की तरह काले कृषि कानूनों को बेअसर करने के लिए विधान सभा में बिल पास करने की बजाय दिल्ली में एक कृषि कानून को लागू करने के लिए नोटिफिकेशन कर दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मान के दावों के उलट राज्य के एडवोकेट जनरल अतुल नन्दा द्वारा तीनों ही केंद्रीय कानूनों को चुनौती देने के लिए ज़रूरी पटीशनें पहले ही तैयार करके अंतिम रूप दे दिया गया है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘क्योंकि यह कार्यवाहियां हमारे किसानों के जीवन और भविष्य को प्रभावित करती हैं, इसलिए सभी फ़ैसले ध्यान और सोच-समझ के साथ समय पर लिए जाएंगे।’’

कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि हालाँकि कृषि के साथ जुड़े मामलों सम्बन्धी भारत के संविधान की सूची-2 (राज्य सूची) में दिखाया गया और यह राज्य सरकार के विशेषाधिकार क्षेत्र में आता है, फिर भी भारत सरकार ने सूची-3 (समवर्ती सूची) में कृषि मंडीकरण के सम्बन्ध में दिखाईं गई धारा के अंतर्गत तीन विवादास्पद कृषि कानून लागू किये। केंद्रीय कानून होने के कारण राज्य सरकार के पास संविधान की धारा 254 (2) के अधीन सीमित विकल्प थे, जिसने केंद्रीय कानूनों में संशोधन करने के लिए पंजाब विधान सभा में संशोधन बिल पास करने के लिए इसका प्रयोग किया। ज़मीन सम्बन्धी कानून के अनुसार राज्य विधान सभा द्वारा पास किये कोई भी बिल राज्यपाल को भेजने लाजि़मी हैं, जिनको बिल जाँचने के बाद मंज़ूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजने के लिए अपनी सहमति देनी पड़ती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार निर्धारित प्रक्रियाओं की पालना कर रही है और अन्य विकल्पों को बरतने के बाद हल निकालने वाली कानूनी कार्यवाहियों की बात करेगी। उन्होंने ‘आप’ और अन्य विरोधी नेताओं को झूठ फैलाने से गुरेज़ करने की सलाह दी। उन्होंने कहा ‘‘आपके उलट, मैं हमारे किसानों को पेश मौजूदा संकट को किसी भी राजनैतिक एजैंडे को आगे बढ़ाने के मौके के तौर पर नहीं लेता। यह हमारे किसानों के भविष्य और जि़न्दगियों के साथ जुड़ा मामला है और मैं उनके हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह वचनबद्ध हूँ।’’

-Nav Gill

LEAVE A REPLY