केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने अपनी जम्मू-कश्मीर यात्रा के तीसरे दिन आज श्रीनगर में विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने अपनी जम्मू-कश्मीर यात्रा के तीसरे दिन आज श्रीनगर में विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस अवसर पर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा और केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि 5 अगस्त 2019 को सरकार ने एक फ़ैसला किया था और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर, विशेषकर घाटी में विकास के नए युग की शुरूआत हुई है और वर्ष 2024 तक आपको इसका ख़ूबसूरत परिणाम भी देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि कश्मीर का चहुंमुखी विकास मोदी जी की दिली इच्छा है और मैं विकास की बात करने ही आया हूं। लेकिन उससे पहले मैं अपने मन की बात भी करना चाहता हूं, मुझे बहुत ताने सुनाए गए, कोसा गया, बहुत कड़े शब्दों में मेरी निंदा की गई और मैं आज आपके साथ दिल खोलकर बात करना चाहता हूं इसीलिए आज मैं आपके सामने बिना बुलेटप्रूफ़ और सिक्युरिटी के खड़ा हूं।

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केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि फ़ारूख़ अब्दुल्ला ने मुझे सलाह दी है कि भारत सरकार पाकिस्तान से बात करे, लेकिन मैं फ़ारूख़ साहब और विशेषकर आप सबसे कहना चाहता हूं कि बात करनी है तो मैं घाटी के अपने भाई बहनों और युवाओं से बात करूंगा। उन्होंने कहा कि हम आपके साथ बात करना चाहते हैं, इसीलिए युवाओं से बात करते समय मैंने कहा था कि मैं घाटी के युवाओं के साथ दोस्ती करना चाहता हूं और मैंने उनकी तरफ़ दोस्ती का हाथ बढ़ाया। मुझे भरोसा है क्योंकि हमारी नीयत में कोई खोट नहीं है, मन में कोई बुरा भाव नहीं है। घाटी, जम्मू-कश्मीर और नए बने लद्दाख के विकास के एकमात्र पवित्र लक्ष्य के साथ ये क़दम उठाया गया है। मैं आपसे कहता हूं कि वर्ष 2024 से पहले कश्मीर को जो चाहिए था, वो आपकी नज़रों के सामने होगा। श्री शाह ने कहा कि मोदी जी के दिल में कश्मीर बसता है, जब भी बात करते हैं तो कहते हैं कि सारी योजनाएं ठीक से पहुंच रही हैं या नहीं, वे पूछते हैं कि सारी योजनाओं का लाभ भारत के बाक़ी राज्यों की तरह जम्मू-कश्मीर में पहुंचता है या नहीं।

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श्री अमित शाह ने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आप दिल से ख़ौफ़ निकाल दीजिए, कश्मीर की शांति और विकास यात्रा में कोई ख़लल नहीं डाल सकता और आप भारत सरकार पर भरोसा कर सकते हैं। इस विकास यात्रा में ख़लल पहुंचाने वालों की नीयत और मक़सद साफ़ नहीं है। वे मुझे कहते हैं कि 5 अगस्त के बाद कर्फ़्यू क्यों लगाया, इंटरनेट क्यों बंद किया। वे कश्मीर के युवाओं को गुमराह करते हैं और मैं आज इन सबको जवाब देना चाहता हूं कि कश्मीर की आवाम का देश पर उतना ही अधिकार है जितना मेरा। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त के बाद अगर इंटरनेट ना बंद करते, कर्फ़्यू ना लगाते, तो युवाओं की भावनाओं को भड़काकर जो स्थिति पैदा होती, उसमें कौन मरता, कश्मीर का युवा मरता। हम नहीं चाहते थे कि कश्मीर के युवा पर किसी को गोली चलानी पड़े। ये लोग समझें ना समझें, इन तीन परिवारों ने यहां 70 साल तक शासन किया है, हम समझते हैं कि एक बूढ़े बाप के कंधों पर उसके जवान बेटे के जनाज़े का बोझ कितना बड़ा होता है। इनके शासन में 40 हज़ार लोग घाटी में मारे गए और आज तक आतंकवाद और दहशतगर्दी की निंदा नहीं की है। ये कहते हैं कि अगर कोई मारा गया तो ठीक नहीं हुआ, मगर जिसने मारा क्या उसने ठीक किया, ये नहीं कहते हैं। मैं आपके सामने ये साफ़ करने आया हूं कि उनको मारने की इजाज़त हम नहीं देंगे, उनको शांति में ख़लल नहीं पहुंचाने देंगे और यहां अमन-चैन बरक़रार रहेगा।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि बहुत लोगों ने सवाल उठाए कि धारा 370 जाने के बाद घाटी में कश्मीरियों की ज़मीन छीन ली जाएगी। आप अपने गांव में पूछिए कि दो साल में कितनी ज़मीन चली गई। ये लोग झूठ फैलाते हैं, ये सच नहीं है। अगर आपके गांव में आएं तो आप बताना कि मेरे गांव में तो ज़मीन नहीं गई है। ये लोग विकास को बांट कर रखना चाहते हैं, अपनी सत्ता को बचाकर रखना चाहते हैं, 70 सालों से जो भ्रष्टाचार कर रहे हैं उसे चालू रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल जी ने 20 हज़ार से ज़्यादा लोगों को नौकरी दे दी और मैं दावे से कहता हूं कि ना एक भी सिफ़ारिश हुई, ना एक भी व्यक्ति को पैसा देना पड़ा है। जो ज़माना था अपने आस-पास के लोगों को नौकरी देने का, वो अब समाप्त हो गया है। जिसमें कुव्वत है, जिसके पास योग्यता है, जो अपनी जवानी कश्मीर के विकास के लिए लगाना चाहता है, उसे नौकरी मिल रही है। इससे उनके पेट में दर्द हो रहा है कि हमारी सिफ़ारिश के बिना किसी को नौकरी मिल रही है, ये कैसे हो सकता है। मैं कहना चाहता हूं कि अब ऐसा ही होगा और अब इन तीन परिवारों का भ्रष्टाचार नहीं चलेगा।

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श्री अमित शाह ने कहा कि सूफ़ीज़्म मध्य एशिया और ईरान से कश्मीर के रास्ते भारत आया था और कश्मीर ने पूरे भारत को सूफ़ीज़्म की भेंट दी थी। मैं सूफ़ी संतों से मिलकर आया हूं और मेरे मन में आशा जगी है कि जम्मू-कश्मीर में हमेशा के लिए शांति हो सकती है। उन्होंने कश्मीर के युवाओं से अपील करते हुए कहा कि जिन्होंने आपके हाथ में पत्थर और हथियार पकड़ाए, उन्होंने क्या भला किया। ये पाकिस्तान की बात करते हैं। पाक अधिकृत कश्मीर नज़दीक़ में ही है, वहां पूछिए गांव में बिजली, अस्पताल, मेडीकल कॉलेज, पीने का पानी, बहनों के लिए शौचालय है क्या। वहां कुछ नहीं है और ये लोग पाकिस्तान की बात करते हैं। मैं आपसे कहने आया हूं कि भारत में इतना ही अधिकार आपका है, जितना भारत के किसी भी नागरिका का भारत पर है। विकास और भारत सरकार के ख़ज़ाने पर आपका उतना ही अधिकार है जितना भारत के हर नागरिक का है। एक भरोसे के साथ कश्मीर के लोगों को इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है।

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केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 70 साल तक तीन परिवारों ने शासन किया। मैं पूछना चाहता हूं कि 70 साल तक कश्मीर के युवा को पंच, सरपंच बनने का, कश्मीर की माता बहनों को तालुका पंचायत और ज़िला पंचायत में चुनाव लड़ने का अधिकार आपने क्यों नहीं दिया। 70 साल तक 87 विधायक, 6 सांसद लेकर बैठे और वो भी आपके इर्द-गिर्द के लोगों को बनाया। उनको डर लगता था कि आज सरपंच बना है, कल तहसील पंचायत में जाएगा, तहसील पंचायत में गया है वो ज़िला पंचायत में जाएगा, ज़िला पंचायत में गया है तो वो उनकी सिफ़ारिश के बिना विधायक बनेगा और जो विधायक बना है, वो मुख्यमंत्री भी बन सकता है। अगर आप में से कोई मुख्यमंत्री बनता है तो उनके परिवार का क्या होगा। आज 30 हज़ार लोग लोकतंत्र के माध्यम से कश्मीर की जनता के चुने हुए प्रतिनिधि बने हैं। मैं कश्मीर के युवाओं को कहना चाहता हूं कि आप लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जुड़िए और सालों से रोककर रखी गई इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाइये। आप भी विधायक, लोकसभा के सदस्य, भारत सरकार में मंत्री और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बन सकते हो और आपको कोई नहीं रोक सकता।

श्री अमित शाह ने कहा कि 70 साल ये लोग लोकतंत्र को रोक कर बैठे थे, मोदी जी ने लोकतंत्र को गांव और घर तक पहुंचाया। सबने बेख़ौफ़ वोट डाले हैं, 98 प्रतिशत तक मतदान हुआ और सारे लोग आज अपना काम कर रहे हैं। आरक्षण का फ़ायदा पहाड़ी भाईयों को कभी नहीं मिलता था, लेकिन अब मिलने लगेगा। मैं आपसे पूछता हूं कि 70 साल तक घाटी की हर माता के घर में गैस सिलिंडर पहुंचा था क्या, हमने प्रयास किया है कि हर घर में गैस सिलिंडर पहुंचे।  जम्मू-कश्मीर के हर घर में बिजली पहुंच रही है। ये सब 70 साल में क्यों नहीं हुआ, किसने रोका था। लेकिन कैसे करते क्योंकि एक साल में 6 महीने के लिए इंग्लैंड जाते थे। मैं आशा करता हूं कि कश्मीर का अगला मुख्यमंत्री भी ऐसा ही आए जो लंदन ना जाए, कश्मीर के अनंतनाग में जाकर कश्मीर की जनता की आवाज़ सुने।

श्री शाह ने कहा कि 55000 लोगों को घर देने की शुरूआत मोदी जी ने की है, जिनमें से 20 हज़ार से ज़्यादा लोगों को जम्मू-कश्मीर में घर मिल भी चुके हैं। उन्होंने कहा कि मैं आपसे वादा करता हूं कि दिसंबर 2022 से पहले कोई बेघर नहीं रहेगा और सबके पास अपना घर होगा। मोदी जी ने कश्मीर के हर घर में शौचालय पहुँचाने का काम पूरा कर दिया है, साथ ही हर घर में नल से पीने का शुद्ध पानी पहुँचाने का काम भी शुरू हो गया है। घाटी के दो ज़िलों में नल से पानी पहुँचाने का काम पूरा हो चुका है और इस साल दिसंबर तक 11 अन्य ज़िलों में यह काम संपन्न हो जाएगा। दिसंबर 2022 तक कश्मीर के हर घर में नल से जल पहुँचाने का काम पूरा हो जाएगा। श्री शाह ने कहा कि बार बार सवाल पूछने वालों से मैं यह जानना चाहता हूँ कि उन्होंने गैस, शौचालय, घर, बिजली और हर घर में नल से पीने का पानी क्यों नहीं दिया।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देशभर में 60 करोड़ ग़रीब लोगों को पाँच लाख रुपये तक स्वास्थ्य खर्च दिया है। जब कश्मीर की बारी आयी तो मोदी जी ने मनोज जी से कहा कि कश्मीर ने बहुत सहा है, बहुत घाव है कश्मीर में, इसलिए कश्मीर में गरीब की जगह हर कश्मीरी को 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सहायता देने का निर्णय कीजिए। इसके तहत ही सेहत योजना शुरू की गई और इसके अंतर्गत आज जम्मू और कश्मीर के हर व्यक्ति का पाँच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य ख़र्चा जम्मू कश्मीर प्रशासन उठा रहा है। श्री शाह ने कहा कि आज कश्मीर के गरीब का बेटा अपने वृद्ध पिता की किसी भी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए असहाय नहीं है। आज वह अपने बुजुर्ग पिताजी को लेकर अस्पताल जाता है और मोदी जी द्वारा दिए गए कार्ड को स्वैप कर अपने पिता की जान बचाता है। श्री शाह ने कहा कि पूरे देश में यह योजना गरीबों के लिए है लेकिन मेरे जम्मू कश्मीर के अंदर यह योजना हर कश्मीरी के लिए है। उन्होंने कहा कि मैं पिछली सरकारों से पूछना चाहता हूँ कि उन्होंने 70 साल में यह व्यवस्था क्यों नहीं की।

श्री अमित शाह ने कहा कि आज विधवा और वृद्ध सहायता व बच्चों के वजीफे के लिए कोई कमीशन देने की ज़रूरत नहीं है, एक बटन दबाते ही सहायता सीधे लाभार्थी के खाते में आ जाती है। जम्मू कश्मीर के 12 लाख किसानों को हर साल मोदी जी द्वारा भेजे गए 6 हज़ार रुपये सीधे उनके खाते में आ जाते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि जो लोग आपको अलग अलग बातों से गुमराह करते हैं, उस पर आप सोचिए और चिंतन कीजिये कि पहले ये सारी बातें क्यों नहीं हुईं, पिछले दो साल में ही क्यों हुआ है। उन लोगों से आप सबको इसका हिसाब माँगना चाहिए।

श्री शाह ने कहा कि कोरोना के प्रकोप में पूरी दुनिया लड़ी, मोदी जी के नेतृत्व में भारत और कश्मीर भी लड़ा। कोरोना का टीका ढूंढ लिया गया और इसे देने की शुरुआत हुई। देश में सबसे पहले 100% वैक्सीनेशन जम्मू-कश्मीर का हुआ है क्योंकि मोदी जी मानते हैं कि जम्मू कश्मीर ने बहुत घाव झेले हैं और सबसे पहले जम्मू कश्मीर को कोरोना से सुरक्षित करना चाहिए। जम्मू कश्मीर के युवा और वृद्ध समेत हर व्यक्ति को टीके की पहली डोज़ देने का काम समाप्त हो गया है। दूसरे चरण का काम भी 50% समाप्त हो गया है। उन्होने कहा कि यह कश्मीर के लिए श्री नरेंद्र मोदी जी के लगाव का एक उदाहरण है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 40000 लोग मारे गए और ये लोग हमेशा पाकिस्तान से बात करो, हुरियत से बात करो कहते रहे, क्या नतीजा हुआ। उन्होने घाटी का पर्यटन समाप्त कर दिया था। श्री शाह ने कहा कि मार्च 2020 से मार्च 2021 तक जम्मू कश्मीर में देश-विदेश के 1,31,000 पर्यटक आए जो आजादी के बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा है। उन्होने कहा कि जो शांति में खलल पहुंचाते थे उनका मकसद है कि यहां उद्योग ना लगें, युवा बेरोजगार रहे और बेरोजगार होकर उनके बताए रास्ते पर हाथ में पत्थर उठाता रहे। लेकिन हम चाहते हैं कि युवा हाथ में पत्थर नहीं पुस्तक और कलम उठाए, हथियार नहीं कल पुर्जे जोड़ने के साधन उठाए और अपने जीवन को संवारें।

श्री अमित शाह ने कहा कि देश के अंदर जिस प्रकार विकास का माहौल है, जम्मू कश्मीर का उससे भी विकास अधिक हो इसीलिए आज हम बहुत सारी योजनाओं की घोषणा करने वाले हैं। श्रीनगर में 115 करोड रुपए की लागत से 500 बिस्तर के अस्पताल का काम पूरा हो गया है, आज यहाँ से हंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास भी हो रहा है। पिछले वर्ष 2,000 करोड़ रुपये की सड़कें बनाई गईं और इस बार 4,000 करोड रुपये की सड़कें बनाने का काम भी हम आज ही शुरु कर रहे हैं। उन्होने कहा कि क्रिकेट, फुटबॉल और बास्केटबॉल की एक रोलिंग ट्रॉफी शुरू की है, इसके लिए एलजी साहब ने 15 करोड़ रुपए दिये हैं। श्री शाह ने कहा कि मेरा कश्मीर के युवाओं से एक निवेदन है कि भारतीय क्रिकेट टीम के अंदर कश्मीर से कोई युवा क्यों नहीं है। उन्होने कहा कि कश्मीर के युवाओं में बहुत कुव्वत है, यह ट्रॉफी कश्मीर के युवाओं को इन खेलों से जोड़ने का काम करेगी।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज एक बहुत बड़ा कार्यक्रम शुरू हो रहा है जिसके तहत मंदिरों, गुरुद्वारों और इस्लामिक धार्मिक स्थलों सहित 75 सूफी धार्मिक स्थलों का सरकारी खर्चे से उन्नयन कर यहां एक बार फिर से गंगा-जमुनी तहजीब की शुरुआत की जा रही है। गृह मंत्री ने कहा कि 70 साल में तीन परिवारों के शासन के दौरान कुल 12 से 15 हज़ार करोड रुपये का निवेश आया था। मोदी जी जम्मू कश्मीर के लिए एक नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी लाए, इस पॉलिसी में पूरे देश में सबसे ज्यादा टैक्स रियायत दी गई है। इस नीति को अभी 6 महीने ही हुए हैं और हम 12,000 करोड रुपये के निवेश का आँकड़ा पार कर गए हैं। 2022 आते-आते जम्मू कश्मीर में 50,000 करोड रुपये से ज्यादा का इन्वेस्टमेंट आएगा और इससे 5 लाख बच्चों को रोजगारी मिलेगी। उन्होने कहा कि पुलवामा में पहले दहशतगर्दों का बोलबाला था और अब पुलवामा में 2,000 करोड़ की लागत से एम्स बन रहा है। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए कॉलेज बंद थे, पत्थरबाजी थी आज लगभग 900 करोड की लागत से आईआईटी (IIT), निफ्ट (NIFT) आदि आ रहे हैं। साथ ही यहाँ दो एम्स और मेडिकल कॉलेज भी आया है। उन्होने कहा कि विकास के बहुत सारे काम आगे बड़े हैं और मुझे पूरा भरोसा है कि जम्मू-कश्मीर देखते ही देखते देश का सबसे विकसित सूबा बनने वाला है।

श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी जी यहां विकास के काम को आगे बढ़ाना चाहते हैं, क्या घाटी और कश्मीर का युवा मोदी जी के इस काम में साथ देने के लिए तैयार है। उन्होने कहा कि हम युवाओं को गुमराह नहीं होने देंगे, उनके हाथ में पत्थर नहीं रहने देंगे और यही जज्बा जम्मू कश्मीर का विकास करेगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि घाटी और कश्मीर का विकास ना कोई सरकार, ना गवर्नर और ना ही मैं कर सकता हूँ बल्कि मेरी घाटी की आवाम, युवा और यहां की जनता ही यह कर सकती है। उन्होंने कहा कि मैं बड़े मन से घाटी के लोगों के साथ दिल खोलकर यह कहने आया हूं कि घाटी में नए युग की शुरुआत करने का समय आ गया है। दकियानूसी बातों से बाहर निकलिए, गुमराह करने वालों से सवाल पूछिए कि उन्होंने क्या किया। उन्होने कहा कि अब बहुत हो गया, 40000 लोग मारे गए हैं, अब हमें वापस आना है या नहीं आना है? श्री शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर और घाटी की जनता यह तय करे कि मोदी जी के रास्ते पर आगे बढ़ना है और जम्मू कश्मीर को देश का सबसे विकसित सूबा बनाना है।

-NAV GILL

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