कृषि मशीनरी समय पर ना मुहैया करवाने वाले अधिकारियों पर होगी कार्यवाही -काहन सिंह पन्नू

-मशीनरी तैयार करने वाली एजेंसियों को भी लताड़ा

-राज्य भर में पराली जलाने विरोधी मुहिम शुरु करने का एलान

चंडीगढ़ : धान की पराली को आग लगाने की रोकथाम के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की हिदायतों पर कार्यवाही करते हुए कृषि विभाग के सचिव काहन सिंह पन्नू ने आज कृषि अधिकारियों /कर्मचारियों को कहा कि किसानों को सब्सिडी पर दी जाने वाली कृषि मशीनरी समय पर मुहैया करवाने को यकीनी बनाया जाये और इसमें लापरवाही इस्तेमाल करने वाले अधिकारियों के खि़लाफ़ सख्त कार्यवाही की जायेगी। 

धान की पराली को आग लगाने से रोकथाम के लिए राज्य स्तर पर शुरु की जाने वाली जागरूकता मुहिम के अंतर्गत राज्य के कृषि अधिकारियों की आज यहां किसान भवन में हुई मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए कृषि सचिव ने किसानों को अब तक सप्लाई की गई कृषि मशीनरी की प्रगति का जायज़ा लिया। उन्होंने हिदायत दी कि धान की कटाई शुरू होने से पहले सम्बन्धित किसानों तक हर हाल में कृषि मशीनरी मुहैया करवाई जानी चाहिए। मीटिंग के दौरान उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कृषि मशीनरी तैयार करने वाली मैनुफ़ेक्चरिंग फर्मों ने भारत सरकार के साथ समय पर मशीनरी मुहैया करवाने के लिए लिखित करार किया है और यदि कोई फर्म अपनी वचनबद्धता पर खरी नहीं उतरती तो उसे भी ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि इस पर भी सख्त नजऱ रखी जाये कि कोई व्यक्ति या किसी किस्म का मध्यस्थ किसानों से मशीनरी /यंत्र सब्सिडी पर दिलाने का झाँसा देकर रिश्वत न ले सके। 

श्री पनू ने बताया कि धान की पराली को आग लाने से मानवीय सेहत और पर्यावरण पर पड़ते बुरे प्रभाव संबंधीे लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों को इस मुहिम के साथ जोड़ा जा रहा है और सितम्बर के अन्तिम सप्ताह पंजाब भर में स्कूल स्तर पर रैलियां करके पराली न जलाने का संदेश दिया जायेगा। इस मुहिम का दूसरा पड़ाव 10 अक्तूबर से शुरू किया जायेगा।

‘तंदुरुस्त पंजाब ’ मुहिम का जि़क्र करते हुए श्री पन्नू ने भरोसा ज़ाहिर किया कि जिस तरह राज्य के लोगों के सक्रिय सहयोग के कारण मिलावटी खाद्य पदार्थों के थमने में बड़ी सफलता हासिल की गई है, इसी तजऱ् पर किसानों के सहयोग से पराली को आग लगाने की गंभीर समस्या भी हल कर ली जायेगी।

कुछ डीलरों द्वारा किसानों को गुमराह करके धान और अन्य फसलों के लिए ग़ैर-अधिकृत कीटनाशक बेचने के मामलों का गंभीर नोटिस लेते हुए सचिव कृषि ने अधिकारियों को लताड़ा कि यदि कोई डीलर ऐसा करता पकड़ा गया तो उस डीलर समेत सम्बन्धित इलाके के अधिकारी के खि़लाफ़ भी कार्यवाही की जायेगी।

मीटिंग की शुरुआत के दौरान डायरैक्टर कृषि डा. जसबीर सिंह बैंस ने विभाग द्वारा सावन की फ़सल सीजन-2018 के दौरान स्कीमों की प्रगति और फसलों की स्थिति संबंधी संक्षिप्त रिपोर्ट पेश की। उन्होंने बताया कि सिफारशों अधीन खादों की उचित प्रयोग संंबंधी आरंभ की गई इस मुहिम के बहुत सार्थक निष्कर्ष प्राप्त हुए हैं और किसानों द्वारा पिछले वर्ष के मुकाबले बहुत कम यूरिया और डी.ए.पी. खाद खेतों में इस्तेमाल की गई है जिससे करोड़ों रुपए की बचत हुई है।

मीटिंग में कृषि और किसान कल्याण विभाग के संयुक्त डायरैक्टर डा.सुखदेव सिंह सिद्धू (प्लांट प्रोटेकशन), डा. परमिन्दर सिंह (नकदी फसलें), डा. सरबजीत सिंह कंधारी (विस्तार और प्रशिक्षण), डा. जगतार सिंह बराड़ (इनपुट्स), डा. बलजिन्द सिंह बराड़ (आंकड़ा), डा. यशवंत सिंह (केन कमिशनर), इंजीनियर डी.आर.कटारिया और डा. अनिल सूद (रिमोट सैंसिंग पी.ए.यू) आदि ने चल रही स्कीमों की प्रगति सांझी की और संबोधन किया।

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