उद्योग विभाग द्वारा नयी अपनाई गई कलस्टर विकास पहुँच के अंतर्गत सी.एफ.सीज़ की स्थापना के लिए 15 कलस्टरों का चयन

चंडीगढ़, 12 फरवरी:
कोविड के कारण बने हालातों में से तेज़ी से उबरने, राज्य में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने और रोजग़ार के और ज्य़ादा अवसर पैदा करने के उद्देश्य से पंजाब सरकार ने कलस्टर विकास पहुँच अपनाने का फ़ैसला किया है। राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार के माईक्रो एंड स्मॉल एंटरप्रायज़ेज़ कलस्टर डिवैल्पमैंट प्रोग्राम (एमएसई-सीडीपी) के अंतर्गत इनके लिए कॉमन फैसिलीटेशन सैंटर (सी.एफ.सी.) स्थापित करने के लिए 15 औद्योगिक कलस्टरों की पहचान की गई है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए उद्योग मंत्री श्री सुन्दर शाम अरोड़ा ने बताया कि यह कलस्टर प्रस्ताव लागूकरण के विभिन्न पड़ावों पर हैं। उन्होंने बताया कि चार कलस्टरों में केंद्र सरकार द्वारा हाईटैक मेटल कलस्टर, मोहाली, ऑयल एक्सपैलर एंड पार्ट्स कलस्टर, लुधियाना, गारमेंट्स कलस्टर, लुधियाना और फ़ाउंडरी कलस्टर, कपूरथला नामक 4 डीपीआरज़ को अंतिम मंज़ूरी दी गई है, जिसके लिए केंद्र सरकार प्रोजैक्ट की अधिक से अधिक 15 करोड़ रुपए की प्रोजैक्ट लागत का 70 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान करेगी।

 

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मंत्री ने आगे बताया कि हाईटैक मेटल कलस्टर, मोहाली और ऑयल एक्सपैलर एंड पार्ट्स कलस्टर, लुधियाना पहले ही मुकम्मल हो चुके हैं, जबकि बाकी कलस्टरों का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि ऑटोटैक कलस्टर, लुधियाना, सिलाई मशीन कलस्टर, लुधियाना और पटियाला में कटिंग टूल्ज़ कलस्टर समेत तीन और कलस्टरों को सरकार से सैद्धांतिक मंज़ूरी मिल गई है और दूसरे कलस्टरों में क्षमता निर्माण का प्रारंभिक कार्य जारी है।
इसके अलावा लुधियाना के ऑयल एक्सपैलर एंड पार्ट्स कलस्टर, वायर ड्राइंग कलस्टर, ट्रैक्टर पार्ट्स कलस्टर, शीट मेटल कलस्टर, गारमेंट्स कलस्टर, ऑटो पार्ट्स कलस्टर, सिलाई मशीन कलस्टर और प्रिंटिंग और स्टेशनरी कलस्टर, मोहाली के हाईटैक मेटल कलस्टर और एडवांस्ड मशीनरी कलस्टर, सर्जीकल कलस्टर, जालंधर, फ़ाउंडरी और जनरल इंजीनियरिंग कलस्टर, फग़वाड़ा (कपूरथला), कटिंग टूल कलस्टर, पटियाला, बुनाई कलस्टर, अमृतसर, स्टील री-रोलिंग मिल कलस्टर, मंडी गोबिन्दगढ़, (फतेहगढ़ साहिब) इस योजना के अधीन पहचान किए गए कलस्टरों में हैं।
कलस्टर विकास स्कीम के अंतर्गत, एस.पी.वी. को नवीनतम तकनीक से लैस कॉमन फैसिलीटेशन सैंटरों (सी.एफ.सी) के निर्माण के लिए 15 करोड़ से 20 करोड़ रुपए मिलते हैं, जिनका प्रयोग नाममात्र दर पर कलस्टर के सदस्यों द्वारा किया जाता है। इसलिए कलस्टर पहुँच उद्योगों को नाममात्र दर पर नवीनतम तकनीक वाली मशीनों का प्रयोग करने में सहायता करती है और जिसके साथ इनकी उत्पादकता में सुधार होता है।
-NAV GILL

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