इस मंदिर में होती है मुस्लिम महिला की पूजा

भारत में कई प्राचीन व प्रसिद्ध मंदिर हैं जो भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। सदियों पुराने यह मंदिर आज भी इतिहास की गौरव गाथा का गान करते दिखाई देते हैं। ज्यादातर भारतीय मंदिरों में किसी ना किसी देवी या देवता की पूजा की जाती है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जहां पर एक महिला की पूजा की जाती है। लेकिन इससे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि वह बहादुर महिला मुस्लिम धर्म से संबंध रखती थी। ‘डोला माता मंदिर’ के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर गुजरात के अहमदाबाद से 40 किलोमीटर की दूरी पर पड़ते झुलासन नामक गांव में स्थित है।

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मंदिर का इतिहास
कहा जाता है कि आज से 250 सौ साल पहले इस गांव पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। जिसमें डोला नामक मुस्लिम महिला ने इन हमलावरों का डटकर सामना किया और शहीद हो गई। कहा जाता है कि इस महिला का मृत शरीर देखते ही देखते फूल में बदल गया। डोला की वीरता के सम्मान में गांव वासियों ने उस स्थान पर जहां डोला ने अपनी अंतिम सांस ली इस मंदिर का निर्माण करवाया। और डोला को देवी का रूप मानते हुए पूजा अर्चना शुरू की। गांव वालों का मानना है कि आज भी डोला माता उनकी रक्षा करती है। इस मंदिर में मूर्ति की बजाए एक यंत्र की पूजा होती है।

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अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स का है यह पैतृक गांव
इस मंदिर में गुजरात ही नहीं बल्कि पूरे देश से लोग आते हैं और मन्नतें मांगते हैं । लोगों का मानना है कि डोला माता के मंदिर में हर मनोकामना पूरी होती है। झुलासन प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स का पैतृक गांव है। जब सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष यात्रा पर गईं थी तो उनकी रक्षा के लिए इस मंदिर में अखंड ज्योति जलाई गई थी। इस गांव के लोगों ने डोला माता से प्रार्थना की थी कि सुनीता विलियम्स सुरक्षित वापिस आ जाए। खास बात यह है कि यह अखंड ज्योति 4 महीने तक जलती रही। सुनीता विलियम्स इस मंदिर में खुद आकर पूजा कर चुकी हैं।

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विदेश जाने के चाहवान यहां करते हैं पूजा
‘डोला माता मंदिर’ को ‘डालर माता मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है। इसका कारण है कि इस गांव के ज्यादातर लोग विदेश में बसे हैं। इस गांव की आबादी 7-8 हज़ार के करीब है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस गांव के 2000 के करीब लोग विदेश में रहते हैं। जो लोग विदेश जाना चाहते हैं। वह इस मंदिर में अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और लोगों का मानना है कि उनकी मनोकामनाएं पूरी भी होती हैं। ‘डोला माता मंदिर’ में नवरात्रों में बहुत बड़ा मेला लगता है।

धर्मेन्द्र संधू

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