इस मंदिर में कई दिन पहले ही मिल जाती है.. बारिश की सूचना

भारत में कई ऐसे रहस्यमयी स्थान हैं जो आज भी पहेली बने हुए हैं। इन रहस्यमयी स्थानों में मुख्य रूप से प्राचीन मंदिर और किले आते हैं। भारत के कोने-कोने में प्राचीन रहस्यमयी मंदिर मौजूद  हैं जो वहां घटित होने वाले चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही प्राचीन मंदिर के बारे में बताएंगे जिसमें ऐसा चमत्कार घटित होता जिससे कई दिन पहले ही पता लग जाता है कि जल्दी ही बारिश होने वाली है। यह चमत्कार देखने को मिलता है उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में स्थित प्राचीन भगवान जगन्नाथ मंदिर में। खास बात यह है कि मंदिर की छत से तेज़ धूप में अचानक पानी टपकने लगता है। साथ ही इससे भी हैरान करने वाली बात यह है कि बारिश शुरू होते ही मंदिर की छत से पानी टपकना बंद हो जाता है।

इसे भी पढ़ें…यहां होते हैं भगवान शिव के त्रिशूल के अंश के साक्षात दर्शन….

प्राचीन भगवान जगन्नाथ मंदिर

प्राचीन भगवान जगन्नाथ मंदिर उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद के गांव बेहटा में स्थित है। यह प्राचीन जगन्नाथ मंदिर कितना पुराना है और इसका निर्माण कब हुआ था और किसने करवाया था, इसके बारे में अभी तक पता नही चल पाया है। मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलदाऊ और बहन सुभद्रा की मूर्तियां स्थापित हैं। यह मूर्तियां काले रंग के पत्थर से निर्मित की गई हैं। इनके अलावा मंदिर के प्रांगण में भगवान सूर्य देव और भगवान पद्मनाभम की मूर्तियां भी स्थापित हैं। इस मंदिर की देखरेख पुरातत्व विभाग द्वारा की जा रही है।

कब हुआ मंदिर का निर्माण, नहीं है सटीक जानकारी

पुरातत्व विभाग द्वारा किए गए प्रयासों और सर्वेक्षणों के बाद भी इस मंदिर के निर्माण के सही समय संबंधी पता नहीं लग पाया। लेकिन फिर भी इस मंदिर का जीर्णोद्धार 11वीं शताब्दी के आसपास हुआ माना जाता है। पुरातत्व विभाग का अंदाज़ा है कि इस मंदिर का निर्माण 9वीं सदी में हुआ हो सकता है। बौद्ध मठ जैसे दिखने वाले इस प्राचीन मंदिर की दीवारें करीब 14 फीट मोटी हैं। मंदिर का आकार बौद्ध मठ जैसा होने के कारण मान्यता है कि हो सकता है कि इस मंदिर का निर्माण सम्राट अशोक ने करवाया हो। लेकिन मंदिर के बाहर एक मोर और चक्र की आकृति बनी हुई है इस लिए कुछ लोग इस मंदिर के निर्माण को सम्राट हर्षबर्धन के साथ जोड़ते हैं।

इसे भी पढ़ें…विश्व का एकमात्र चतुर्मखी मंदिर है पशुपति नाथ पर…

7 दिन पहले ही मिल जाती है बारिश की सूचना

इस मंदिर की प्रमुख विशेषता जो इसे अदभुत बनाती है वो यह है कि इस मंदिर के जरिए 7 दिन पहले ही बारिश होने की सूचना मिल जाती है। बारिश के कुछ दिन पहले इस मंदिर की छत से बारिश की बूंदों जैसी कुछ बूंदे टपकने लगती हैं। और बारिश शुरू होते ही यह टपकती बूंदें एकदम बंद हो जाती हैं। ऐसा क्यों होता है यह आज तक रहस्य बना हुआ है। कहा जाता है कि पुरातत्व विभाग और अन्य वैज्ञानिक कई बार इस मंदिर की जांच कर चुके हैं। फिर भी पानी टपकने के रहस्य से पर्दा नहीं उठा पाए। गांव वासियों का मानना है कि जिस आकार की यह बूंदे होती है उसी के आधार पर ही बारिश कम या ज्यादा होती है।

इसे भी पढ़ें…जानिए कहां पर स्थापित है.. एक लाख छिद्रों (छेदों) वाला अद्भुत शिवलिंग…

निकाली जाती है रथ यात्रा

इस इलाके के लोगों में भगवान जगन्नाथ मंदिर के प्रति पूरी श्रद्धा है खासकर गांव के किसान बारिश की सूचना मिलते ही अपने काम जल्दी से जल्दी निपटा लेते हैं। उड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में हर साल जैसी रथ यात्रा निकलती है बिल्कुल वैसी ही रथ यात्रा कानपुर के इस भगवान जगन्नाथ मंदिर से भी निकाली जाती है। इस रथ यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं और भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

धर्मेन्द्र संधू

LEAVE A REPLY