अस्पतालों के वॉर्डों को क्लासरूम में बदलने के मिशन के साथ केयर कम्पेनियन प्रोग्राम की शुरूआत

चंडीगढ़, 25 अगस्त:

जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए पंजाब सरकार ने आज केयर कम्पेनियन प्रोग्राम की शुरूआत की, जिसका उद्देश्य अस्पताल के हॉल/वॉर्डों को क्लासरूम और देखभाल के लिए उपलब्ध सबसे बेहतर स्रोत में बदलना है।

Aaj ka Rashifal || आज का राशिफल || 25 August 2021

इस संबंधी जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि मरीज़ के अपने परिवार को अस्पताल और घर में अपने करीबियों की देखभाल के लिए जागरूक करते हुए पंजाब सरकार ने यह स्कीम शुरू की है और अब पंजाब इस स्कीम को सब-डिविजऩ अस्पतालों तक पहुँचाने वाला पहला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत में नवजात बच्चों की 22 प्रतिशत से अधिक मौतें होती हैं, जो सालाना 5,22,000 मौतें बनती हैं, जोकि विश्व के किसी भी अन्य देश की अपेक्षा ज़्यादा है। यह अनुमान लगाया गया है कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों में 70 प्रतिशत मौतें बेहतर स्वास्थ्य अभ्यासों के द्वारा रोकी जा सकती हैं और इनमें से ज़्यादातर मौतें घर में ही रोकी जा सकती हैं।

 

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स. सिद्धू ने आगे बताया कि पंजाब सरकार लोगों में जागरूकता और अपने स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों की क्षमता को बढ़ाकर पंजाब के नागरिकों के स्वास्थ्य स्थिति में सुधार और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सी.सी.पी. में पंजाब की सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में नवजात बच्चों की मृत्यु दर, फिर दाखि़ल होने के बोझ, छुट्टी के बाद की जटिलताओं में कमी और अस्पताल की सफ़ाई के स्तर, नर्सों की क्षमता और मरीज़ों की संतुष्टी में विस्तार दिखाया गया है। यह प्रोग्राम जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य और आम एवं सर्जीकल मरीज़ों की देखभाल के क्षेत्रों में कार्यशील रहा है।

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उन्होंने बताया कि केयर कम्पेनियन प्रोग्राम को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 2019 में नेशनल हैल्थ इनोवेशन सम्मेलन में मान्यता दी गई थी। उन्होंने कहा कि जन्म के बाद की देखभाल सेवाओं के लिए साल 2017 में 6 जि़ला अस्पतालों में मुख्य तौर पर यह पहलकदमी शुरू की गई, फिर साल 2018 में जन्म से पहले और बीमार नवजात बच्चों की देखभाल के लिए सभी 22 जि़ला अस्पतालों में इसका विस्तार किया गया। प्रोग्राम के शानदार नतीजों को देखते हुए साल 2019 में यह प्रोग्राम 22 जि़ला अस्पतालों में मेडिकल और सर्जीकल क्षेत्रों के लिए भी शुरू किया गया।

डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं (परिवार कल्याण) डॉ. अन्देश कंग ने कहा कि अब तक पंजाब में इस प्रोग्राम में तकरीबन 1100 नर्सों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है और उन्होंने पिछले 4 सालों के दौरान 2,43,000 से अधिक परिवारों की देखभाल करने वालों को प्रशिक्षण दिया। उन्होंने आगे बताया कि नूरा हैल्थ ने कोविड महामारी के दौरान सहायता प्रदान करके राज्य सरकार की सहायता की है। केयर कम्पेनियन सैशनों के द्वारा ना सिफऱ् अस्पतालों में कोविड जागरूकता संदेश भेजे गए, बल्कि टेली-प्रशिक्षण और आईवीआरएस आधारित सन्देशों के द्वारा कोविड पॉजि़टिव मरीज़ों और उनकी देखभाल करने वालों को भी भेजे गए।

स्टेट प्रोग्राम अफ़सर सीसीपी डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि इस प्रोग्राम के लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने की कोशिश के अंतर्गत पंजाब के स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रोग्राम को राज्य भर के उप जि़ला अस्पतालों (एसडीएच्ज़) तक पहुँचाने का फ़ैसला किया है।      इस मौके पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के डायरैक्टर डॉ. गुरिन्दरबीर सिंह, डायरैक्टर ईएसआई डॉ. ओ.पी. गोजरा, डिप्टी डायरैक्टर डॉ. नीशा साही, सहायक डायरैक्टर डॉ. बलजीत कौर, नूरा हैल्थ के सह-संस्थापक डॉ. शाहद आलम भी उपस्थित थे।

-Nav Gill

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