अनुसूचित जातियों, पछड़ी श्रेणियों तथा अल्प संख्या संबंधी विभाग का नाम बदलने के लिए कैबिनेट की ओर से हरी झंडी

चंडीगढ़, (वंदना) : मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की प्रधानगी में हुई मंत्री मंडल की बैठक दौरान अनुसूचित जातियां, पछड़ी श्रेणियों व अल्प संख्या विभाग का नाम बदल कर इस का नया नाम समाजिक न्याय व सशक्तीकरण व अल्प संख्या विभाग रखे जाने को सहमती दे दी है।
विभाग का नाम बदलने का फैस्ला इस करके लिया गया है क्योंकि मौजूदा नाम न तो अर्थपूर्ण है और न ही इस नाम से समाज के कमजोर तबकों का जीवन स्तर उंचा उठाने के लिए सरकार के संजीदा प्रयासों की हां पक्षीय झलक मिलती है।
केंद्रीय मंत्रालय के नाम, गतिविधियों तथा कार्य की तर्ज पर मंत्री मंडल की ओर से विभाग का नाम बदल कर समाजिक न्याय व सशक्तीकरर्ण तथा अल्प संख्यां विभाग रखने का फैसला लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने वर्ष 1993 में अपने मंत्रालय का नाम बदल कर समाजिक न्याय व सशक्तीकर्ण मंत्रालय रख दिया था तथा इस के बाद गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों ने भी अपने अपने विभाग का नाम बदल कर समाजिक न्याय व सशक्तीकर्ण तथा अल्प संख्या विभाग रख दिया था। इसी तरह संबंधित विभाग के डायरैक्टोरेट ने भी अपना नाम बदल कर डायरैक्टोरेट आफ समाजिक न्याय तथा सशक्तीकर्ण तथा अल्प संख्या विभाग कर दिया है। इसी तरह जिला भलाई अफसर तथा तहसील भलाई अफसर का नाम बदल कर क्रमश जिला सामाजिक न्याय व सशक्तीकर्ण अफसर तथा तहसील समाजिक न्याय तथा सशक्तीकर्ण अफसर रख दिया गया है।
साल 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की आबादी 277.43 लाख है जिस की अधिकतर आबादी समाज के कमजोर वर्गों में शामिल है। जिन में से 31.94 फीसदी अनुसूचित जातियों की आबादी तथा 16.1 फीसदी पछड़ी श्रेणियों की आबादी शामिल है। इस के अलावा ईसाइयों, मुस्लमानों तथा अन्य अल्प संख्या की श्रेणियां भी शामिल है।

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