अध्यापकों ने कहा ये तो ट्रेलर है, फिल्म तो अभी बाकि है

-रोष मार्च निकाल कर दिखाई एकजुटता

एसएसए /रमसा, माडल, आदर्श स्कूलों के 8886 अध्यापकों के वेतन में कटौती किए जाने के विरोध में किए जा रहे संघर्ष को अगले माह से जेल भरो आंदोलन के रुप में शुरु करने की पूर्व घोषणा को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए विशेष बैठक का आय़ोजन किया गया। अमर आश्रम पटियाला में आयोजित बैठक में एसएसए /रमसा अध्यापक यूनियन पंजाब और माडल और आदर्श कर्मचारी एसोसिएशन पंजाब के नेताओं ने सरकार को चेतावनी देते कहा कि मौजूदा समय में चल रहा प्रदर्शन तो महज ट्रेलर है। फिल्म तो अगले माह से शुरु की जाएगी। जिसकी रुपरेखा तैयार की जा चुकी है। बैठक में पंजाब भर से बड़ी संख्या में अध्यापकों ने शिरकत की।

बैठक को संबोधित करते प्रदेश प्रधानो दीदार सिंह मुद्दकी और डा. अमृतपाल सिंह सिद्धू ने कहा कि सरकार अध्यापक वर्ग की जायज माँगों की अनदेखी कर रही है। बीते 21 शिक्षक पटियाला में स्थायी मोर्चा लगा कर अपनी मांगों को मनवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। परंतु सरकार शिक्षकों की मांगों की अनदेखी कर रही है। शिक्षक अब सरकार की नीतियों व शिक्षक विरोधी सोच को गाँव-गाँव में जनमानस के सामने लेकर जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी की गलत सोच के कारण ही हर वर्ग आहत हो चुका है। सरकार ने शिक्षकों के साथ पांच नवंबर को मुख्यमंत्री के साथ एक वर्ग करवाने का आश्वासन दिया है। अध्यापक मोर्चा ने चार नवंबर को जिला सदर स्थानों पर बड़ी सभाएं करने का फैसला किया है। यदि हमारी मांगों को स्वीकार न किया तो शिक्षक जेल भर आंदोलन शुरु करेगी। इसकी पहले ही घोषणा की जा चुकी है। शिक्षकों ने अमर आश्रम में बैठक करने के बाद गुरुद्वारा श्री दुख निवारण साहब तक रोण मार्च निकाल कर सरकारी नीतियों की निंदा की। यह रोष मार्च बाजारों से गुजरा। इस मौके पर जोगिन्द्र सिंह, लक्ष्मण सिंह, दिग्विज पाल शर्मा,  जगरूप सिंह,  गुरविन्दर पन्नू,  वरिन्दर सिंह मोमी,  हरजिन्दर सिंह, बलेहार सिंह, मलागर सिंह, गुरमीत कोटली, बलराज जोशी, अश्वनी कुमार, जसप्रीत गगन, हरजीत सिंह जीता, रमेश कुमार, राजवीर सिंह समराला, अमनदीप सिंह, तलविन्दर सिंह खरोड़,  बलजीत सिंह मोहाली, भुपिन्दर दुग्गल,  सुभाष चंद्र, ओंकार सिंह,  सुखविन्दर सिंह,  अशोक सिंह खालसा, गगनदीप संगरूर, अमरिन्दर सिंह कंग, सरवण सिंह, अपर आपार सिंह, रूप किशोर, मुकेश काठगड़, नितिन कुमार, जसविन्दर सिंह,  शमिन्दर सिंह, बचित्तर सिंह ने भी अपने विचार प्रकट किए।

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