अकाली दल को फिर लगा झटका, सेखवां ने सभी पदों से दिया त्यागपत्र

-एसजीपीसी चढ़ी राजनीति की भेंट
-गलत सोच कारण ही पार्टी राज्य में तीसरे स्थान पर पहुंची
शिरोमणि अकाली दल को निरंतर अतंराल के बाद झटके लग रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता पार्टी को अलविदा कह रहे हैं। अब पार्टी के पूर्व मंत्री, सीनियर मीत प्रधान सेवा सिंह सेखवां ने पार्टी के अपने सभी पदों से त्यागपत्र दे कर पार्टी के लिए नया संकट पैदा कर दिया है। सेखवां के त्यागपत्र देने के समय उनके साथ पार्टी के सीनियर नेता रत्न सिंह अजनाला, रंजीत सिंह ब्रहमपुरा भी मौजूद रहे।

सेखवां ने कहा कि उन्हें दुख इस बात है कि उनके पिता स्व. उजागर सिंह सेखवां ने सारी आय़ु पार्टी की सेवा की। हर मुश्किल समय में पार्टी का साथ दिया। पंरतु आज विक्रमजीत सिंह मजीठिया के इशारों पर उनसे त्यागपत्र मांगा जा रहा है। आज पार्टी में काम करना मुमकिन नहीं रहा है। पार्टी प्रधान सुखबीर बादल को भेजे त्यागपत्र में आरोपों की झड़ी लगाते कहा कि पार्टी की गलत सोच के कारण ही आज पार्टी राज्य में तीसरे स्थान की पार्टी बन कर रह गई है। जो पार्टी एक समय राज्य में सत्ताधारी दल के रुप में थी। आज उसके पास विपक्षी दल का रुतबा भी नहीं है। इतना ही नहीं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी भी राजनीति की भेंट चढ चुकी है। गैर मर्यादा वाले लोगों को जानबूझ कर श्री अकाल तख्त साहिब से माफी दिलाया जाना अनुचित है। निहत्थों पर फायरिंग करना दुखद था। जस्टिस जोरा सिंह कमीशन का गठन करने के बावजूद भी कार्रवाई न किया जाना चिंता का विष्य बन गया है। सुखबीर बादल प्रधानगी के पद के काबिल ही नहीं है। अकाली दल को बचाना मौजूदा समय की मांग है।

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