मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में सरकारी बसों में महिलाओं को 100 प्रतिशत मुफ्त सफर करने की सुविधा का वर्चुअल तौर पर आगाज़

चंडीगढ़, 1 अप्रैलः
महिला सशक्तिकरण की तरफ एक और बड़ा कदम उठाते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को राज्य में चलने वाली सभी सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त सफर करने की सुविधा का वर्चुअल तौर पर आगाज़ किया।
मुख्यमंत्री ने 85 प्रतिशत रिकार्ड वायदे पूरी करने की बात करते हुये कहा, ‘‘इससे हम एक और चुनाव घोषण-पत्र का वायदा पूरा कर दिया।’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 100 प्रतिशत वायदों को पूरा करने की तरफ आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा समय जिन राज्यों में मतदान हो रहे हैं, उनमें भी दूसरी पार्टियों की तरफ से महिलाओं को मुफ्त बस सफर के वायदे किये जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हालाँकि हर कोई महिला सशक्तिकरण की बात करता है परन्तु राज्य सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। वास्तव में उनकी सरकार ने महिलाओं के लिए टिकट दरों में 50 प्रतिशत कटौती का वायदा किया था परन्तु इससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुये इस सुविधा को बिल्कुल मुफ्त कर दिया गया है। उन्होंने प्राईवेट बस आॅपरेटरों को भी अपनी सामाजिक जिम्मेदारी समझते हुये दरें घटाने की अपील की है।

अब नहीं होंगे पिंपल्स || Dr. Naveen Kumar ||

इस मुफ्त सफर स्कीम का राज्य में 1.31 करोड़ महिलाओं और लड़कियों को फायदा होगा। सभी महिलाएं चाहे वह कोई भी वित्तीय रुतबा रखती हों, सिर्फ आधार कार्ड या वोटर कार्ड या कोई भी योग्य शिनाख्ती कार्ड दिखा कर सभी गैर ए.सी.बसों और राज्य अंदर चलने वाली बसें में मुफ्त सफर कर सकती हैं।
महिलाओं के खिलाफ जुर्म को गंभीरता से लेते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध है और परिवहन विभाग वाहनों की ट्रेकिंग के लिए सभी सरकारी और प्राईवेट बसों में जी.पी.एस. सिस्टम लगाने जा रहा है। इसके इलावा आपात हालत के लिए पैनिक बटन होगा। सरकारी बसों में यह प्रक्रिया मुकम्मल होने के नजदीक है और प्राईवेट आॅपरेटरों को 31 अगस्त तक पूरा करने के लिए कहा गया है। उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के लिए निवेकली पहलकदमी के लिए परिवहन विभाग की सराहना की। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे ऐलान किया कि राज्य में बेहतर सड़की नैटवर्क के लिए 25 और बस अड्डे बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुफ्त बस सफर स्कीम राज्य सरकार की महिलाओं और लड़कियों के संगठित विकास एवं तरक्की के लिए दूरदृष्टि का प्रतीक है जिनको राज्य सरकार ने पहले ही पंचायती राज और स्थानीय निकाय संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण और सरकारी नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा दी है। इसी प्रतिबद्धता की दिशा में राज्य में 33000 महिलाओं को मौजूदा साल में नौकरी मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में लड़कियों को कोविड के दौरान पढ़ाई में मदद के लिए समार्टफोन मुहैया करवाए गए हैं।
वर्चुअल तौर पर किये आगाज़ समारोह में 1036 स्थानों पर 30000 लोग जुड़े हुए थे। अपनी दवाएँ लेने के लिए बाघापुराना से जालंधर तक सफर कर रही सुरिन्दर कौर ने कहा कि आज उसे प्रातःकाल बस में बैठते इस स्कीम का पता लगने से बहुत खुशगवार हैरानी हुई। यह स्कीम गरीब परिवारों की महिलाओं के लिए बहुत मददगार होगी।
एक नैना नाम की महिला ने कहा कि यह फैसला अब उसे अपने परिवार और रिश्तेदारों को बिना कोई खर्चा किये मिलने के लिए बहुत सहायक सिद्ध होगा। एक अन्य महिला ने इस महान फैसले को महिलाओं के सशक्तिकरण का फैसला करार दिया।
परिवहन मंत्री रजिया सुल्ताना ने कहा कि उनका विभाग सरकारी और प्राईवेट परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम जारी रखेगा। सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अरुणा चैधरी ने इस स्कीम को कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार की महिलाओं के कल्याण और विकास के लिए एक अन्य अहम पहलकदमी करार दिया।
पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने इसको महिलाओं के दिन का तोहफा बताते हुये कहा कि राज्य सरकार की मानसिकता उत्तर प्रदेश और ऐसे ही अन्य राज्यों से अलग है जो महिलाओं के खिलाफ जुर्म के लिए बदनाम हैं।
पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान बरिन्दर ढिल्लों ने फैसले की सराहना करते हुसे कहा कि इससे राज्य सरकार की महिलाओं के सशक्तिकरण के सिद्धांतों का झलक मिलती है। वह राज्य जहां अब पहली बार महिला मुख्य सचिव बनाई गई। उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विद्यार्थियों के लिए मुफ्त सफर के लिए भी प्रेरित किया जिससे वह अपने शैक्षिक अदारों तक जा सकें।
-NAV GILL

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