पेट के रोगों से परेशान हैं तो पीएं यह जूस

मौसम के अनुसार कुछ सब्जियां ऐसी होती हैं जिनके औषधीय गुणों के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। अकसर हम कुछ सब्जियों को खाना पसंद नहीं करते। ऐसी ही एक सब्जी है लौकीयानि घीया। चाहे कुछ लोगों को यह सब्जी पसंद नहीं है लेकिन आज हम आपको लौकी के ऐसे फायदों के बारे में बताएंगे कि आप न चाहते हुए भी लौकी खाना शुरू कर देंगे।

इसे भी पढ़ें…यह फल खा लिया तो हर कमजोरी दिनों में होगी छूमंतर

लौकी बाजार में आसानी से मिलने वाली सब्ज़ी है। अगर आप लौकी की सब्ज़ी नहीं खाना चाहते तो लौकी का जूस पी सकते हैं। लौकी का जूस भी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। लौकी के जूस के स्वाद को बढ़ाने के लिए इसमें आंवले व पुदीने का रस मिलाया जा सकता है और लौकी के जूस में काला नमक या काली मिर्च डालकर भी पी सकते हैं। 

लौकी में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी3, बी6 के साथ ही डायट्री फायबर, मिनरल्स, आयरन, थायमिन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, फास्फोरस व पोटेशियम आदि तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, यह तत्व हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।

इसे भी पढ़ें…सुबह भूलकर भी खाली पेट न खाएं यह चीज़…उठाना पड़ सकता है नुकसान

लौकी की सब्ज़ी व जूस के फायदे

पाचन तंत्र के लिए है लाभकारी

पेट की समस्याओं से राहत पाने के लिए लौकी लाभकारी सिद्ध होती है। पाचन तंत्र को सही करने के लिए लौकी की सब्जी खाने से फायदा होता है। खासकर पेट की सबसे आम समस्या एसिडिटी से राहत पाने लिए लौकी की सब्ज़ी या जूस पीना लाभदायक रहता है। इसके लौकी में कब्ज से छुटकारा दिलाने वाले गुण भी पाए जाते हैं।

हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को करे कम

लौकी को अपने भोजन में जरूर शामिल करें। लौकी के अन्य फायदों में से एक मुख्य फायदा यह है कि लौकी हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती है। साथ ही दिल के रोगों से भी बचाव होता है।

आपको रखे तरोताज़ा  

लौकी की सब्ज़ी खाने में हल्की होती है। यह आसानी से पच जाती है और पेट में भारीपन नहीं होता। लौकी की सब्ज़ी खाने से आप सारा दिन तरोताज़ा महसूस करते हैं। खुद को तरोताज़ा बनाए रखने के लिए आप लौकी का जूस भी पी सकते हैं। साथ ही लौकी का जूस पीने से शरीर के विषैले तत्व आसानी से बाहर निकल जाते हैं और शरीर में पानी की कमी भी दूर होती है।

इसे भी पढ़ें…पुरुषों और महिलाओं के लिए विशेष गुणकारी है यह फल

मधुमेह के रोगियों के लिए है रामबाण  

मधुमेह के रोगियों के लिए लौकी का सेवन रामबाण औषधि की तरह काम करता है। अधिक फायदे के लिए मधुमेह यानि शुगर के रोगी खाली पेट लौकी का सेवन कर सकते हैं। लौकी की सब्ज़ी के साथ ही इसका जूस पीने से भी ब्लड शुगर का लेवल सही रहता है।

बालों का झड़ना करे कम

लौकी का जूस या रस बालों के लिए भी बेहद फायदेमंद है। झड़ते बालों व सफेद बालों की समस्या से छुटकारा पाने के लिए लौकी के जूस में तिल का तेल मिलाकर सिर की मालिश करने से फायदा होता है।

चेहरे की चमक को बढ़ाए

लौकी त्वचा खासकर चेहरे को साफ रखने में कारगर सिद्ध होती है। चेहरे पर प्राकृतिक निखार लाने के लिए रोजाना नियमित रूप में लौकी का सेवन करना लाभकारी रहता है। त्वचा की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए व आकर्षक दिखने के लिए लड़िकयां व महिलाएं नियमित  रूप में लौकी का जूस पी सकती हैं या फिर सब्ज़ी बनाकर खा सकती हैं। साथ ही चेहरे पर प्राकृतिक चमक लाने के लिए नियमित रूप में लौकी के रस को चेहरे पर लगाकर हल्के हाथों से मसाज की जा सकती है। आप लौकी का एक टुकड़ा लेकर चेहरे पर मसाज भी कर सकते हैं, इससे भी फायदा होगा।

इसे भी पढ़ें…जानिए क्या है ‘पेट फूलने’ की समस्या और कैसे पाएं राहत ?

वजन कम करने में करे मदद

अगर आप वजन कम कर रहे हैं या वजन कम करना चाहते तो लौकी की सब्ज़ी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। वजन कम करने के लिए लौकी को उबालकर नमक डालकर या फिर इसके जूस का सेवन किया जा सकता है।

मूत्र संबंधी समस्याओं में लाभदायक

मूत्र संबंधी समस्याओं में आराम पाने के लिए लौकी का सेवन बेहद फायदेमंद है। लौकी की सब्ज़ी खाने या फिर लौकी का जूस पीने से शरीर में सोडियम की मात्रा को कम करने में मदद मिलती है। फालतू मात्रा में सोडियम मूत्र के द्वारा आसानी से बाहर निकल जाता है। लौकी का जूस पीने से मूत्र मार्ग की जलन व दर्द में भी आराम मिलता है।

इसे भी पढ़ें…अब फ्लश में समय नहीं होगा खराब…पेट होगा साफ… मुंह से निकलेगा…वाह मज़ा आ गया

तनाव को करे दूर

तनाव से राहत पाने के लिए लौकी का जूस काफी लाभदायक है। लौकी के जूस में न्यूरोट्रांसमिटर कोलाइन नामक तत्व भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इस तत्व से दिमाग की कोशिकाओं को आराम मिलता है जिससे दिमाग पर कम दबाव पड़ता है और दिमाग की कार्य क्षमता में सुधार होता है। नियमित रूप में लौकी का जूस पीने से तनाव व अवसाद की स्थिति से उभरा जा सकता है। 

धर्मेन्द्र संधू

LEAVE A REPLY