पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के डी.जी.पीज़ द्वारा क्षेत्र के गैंगस्टरों के खि़लाफ़ साझी रणनीती

चंडीगढ़, 25 मार्च:
पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डी.जी.पीज़) की तालमेल मीटिंग आज यहाँ पंचकुला में हुई। इस मीटिंग में इन राज्यों में सक्रिय गैंगस्टरों और अपराधियों के विरुद्ध रणनीति बनाने और कार्य योजना तैयार करने संबंधी विचार-चर्चा की गई।
मीटिंग के दौरान उक्त क्षेत्रों में गैंग्स्टरों की गतिविधियों के खि़लाफ़ रणनीति तैयार करने और उनकी तरफ से किए जाने वाले हत्याकांड, कत्ल की कोशिश, जबरन वसूली आदि अपराधों पर नकेल कसने सम्बन्धी विस्तारपुर्वक विचार-चर्चा की गई।

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यहाँ ऐसे उदाहरण हैं जहाँ अपराधी जेल में से सनसनीखेज़ अपराधों को अंजाम देने की साजि़श रचने और योजना बनाने में शामिल पाए गए हैं। हाल ही में सम्पत नेहरा राजस्थान में 3 व्यक्तियों की हत्या में शामिल पाया गया था, जबकि वह होशियारपुर जेल में बंद था। इसी तरह राजीव राजा ने मध्य प्रदेश से देसी हथियार खऱीदे जब वह नाभा जेल में बंद था। लॉरेंस बिशनोयी ने राजस्थान की जेल में से फरीदकोट में नौजवान कांग्रेसी नेता गुरलाल सिंह की हत्या की योजना बनाई और इसको अंजाम दिया। वह कनाडा और यूके से अपने साथियों के द्वारा जबरन वसूली सम्बन्धी कॉल करने में भी शामिल रहा है।
अधिकारियों ने पंजाब और हरियाणा की अलग-अलग जेलों में बंद अपराधियों की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए योजनाओं के बारे में विचार-विमर्श भी किया।
अधिकारियों ने हथियार एक्ट में नाजायज़ हथियारों की तस्करी और अपराधियों को हथियार सप्लाई करने में लाइसेंसशुदा हथियार डीलरों द्वारा इसका दुरुपयोग सम्बन्धी चिंता ज़ाहिर की। ऐसी रिपोर्टें सामने आईं हैं कि पंजाब के गन हाऊस मालिक एम.पी. और उत्तर प्रदेश समेत अलग-अलग राज्यों में नाजायज़ हथियार बनाने वालों को हथियार मुहैया करवा रहे हैं।
कई बार ऐसी घटनाएँ सामने आईं हैं, जब अपराधी विदेश यात्रा के लिए पासपोर्ट बनाने के लिए नकली पहचान का प्रयोग करते पाए गए थे। फज़ऱ्ी दस्तावेज़ बनाने में शामिल ऐसे ट्रैवल एजेंटों की पहचान करने और उनके खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही करने का फ़ैसला किया गया है।
इन क्षेत्रों में सक्रिय अति अपेक्षित फऱार अपराधियों की सूची बनाने और उनकी गिरफ्तारी के लिए जानकारी देने वाले को इनाम देने का भी फ़ैसला किया गया है। नवीनतम प्रौद्यौगिकी के प्रयोग से जानकारी को असली समय पर साझा करने पर ज़ोर दिया गया। यह भी फ़ैसला किया गया कि गैंगस्टरों के खि़लाफ़ कार्यवाही की ताज़ा स्थिति सम्बन्धी अपडेट के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की साझी अंतर-राज्यीय तिमाही मीटिंगें करने का भी फ़ैसला किया गया।
डीजीपी पंजाब दिनकर गुप्ता ने सुझाव दिया कि क्षेत्र के सक्रिय गैंगस्टरों और आपराधिक गिरोहों की गतिविधियों के बारे में विचार-विमर्श करने के लिए पड़ोसी राज्यों के जि़ला पुलिस मुखियों के साथ तिमाही या दो-महीनावार मीटिंग करनी चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया कि जेलों में से आपराधिक कार्यवाहियों को अंजाम देने वाले गैंगस्टरों को राज्य से बाहर की जेलों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
डीजीपी पंजाब ने संगठित अपराध वाले गिरोहों की गतिविधियों को रोकने के लिए महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ आर्गेनाईजड़ क्राइम एक्ट (मकोका) जैसे कानून बनाने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया।
इस दौरान, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ (यूटी) के पुलिस अधिकारियों ने मौजूदा समय में इस क्षेत्र में सक्रिय अलग-अलग गिरोहों सम्बन्धी जानकारी भी साझी की।
-NAV GILL

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