ज्ञान सागर इंस्टीट्यूट से 8 मरीज़ों को स्वस्थ्य होने के उपरांत घर भेजा गया-बलबीर सिंह सिद्धू

-आईसोलेशन केन्द्रों में 184 मरीज़ दाखि़ल और 51 मरीज़ स्वास्थ्य हुए
-सिर्फ 1 मरीज़ को ऑक्सीजन स्पोर्ट और 1 मरीज़ वेंटिलेटर पर है
-मानक इलाज सेवाओं के साथ ज़्यादातर मरीज़ों के स्वास्थ्य की स्थिति स्थिर
चंडीगढ़, 21 अप्रैल:
पंजाब सरकार द्वारा कोरोना वायरस से प्रभावित मरीज़ों को मानक सेवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं, जिसके अंतर्गत केवल ज्ञान सागर मैडीकल इंस्टीट्यूट में ही 500 बिस्तरों वाला अस्पताल स्थापित किया गया है। आज यहाँ से 8 मरीज़ों के स्वस्थ्य होने के उपरांत छुट्टी दी गई है, जबकि ज्ञान सागर मैडीकल इंस्टीट्यूट समेत अलग-अलग केन्द्रों में से 13 मरीज़ों को तंदुरुस्त जीवन की शुभकामनाएँ देकर घर भेजा गया है।
इस संबंधी और जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि ज्ञान सागर इंस्टीट्यूट समेत राज्य के अन्य आईसोलेशन केन्द्रों से अब तक 51 मरीज़ों के स्वस्थ होने के उपरांत घर भेजा गया है, जबकि 184 कोरोना के मरीज़ों को अलग-अलग सरकारी केन्द्रों में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं और यह ख़ुशी वाली ख़बर है कि इस समय राज्य में दाखि़ल सभी मरीज़ों की स्थिति स्थिर है। उन्होंने बताया कि राज्य में सिफऱ् 1 मरीज़ को ऑक्सीजऩ स्पोर्ट और 1 मरीज़ जिसकी स्थिति गंंभीर है को वेंटिलेटर पर रखा गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे बताया कि जहाँ कोरोना प्रभावित मरीज़ों को एंबुलेंस सेवा से लेकर, टेस्ट, इलाज, पौष्टिक खाने समेत सभी सेवाएं मुफ़्त मुहैया करवाई जा रही हैं, वहीं मरीज़ों का आत्म-विश्वास कायम रखने के लिए काऊंसलिंग भी की जा रही है। ज्ञान सागर इंस्टीट्यूट में स्थापित आईसोलेशन केंद्र संबंधी बताते हुए स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि 500 बिस्तरों वाले इस केंद्र में जि़ला मोहाली, फ़तेहगढ़ साहिब और रोपड़ से सम्बन्धित कोरोना पॉजि़टिव मरीज़ों को दाखि़ल किया जाता है। इस समय इस संस्था में 43 मरीज़ दाखि़ल हैं जोकि कोरोना पॉजि़टिव हैं। इनका इलाज स्वास्थ्य विभाग और मैडीकल कॉलेज के माहिर डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है।
स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि राज्य के सभी आईसोलेशन केन्द्रों में मैडिसन, एन्सथीसिया, रेडीयोलॉजी, माईक्रोलॉजी और ई.एन.टी. के माहिर डॉक्टर मौजूद हैं। इनके साथ-साथ पंजाब सरकार द्वारा अपने डॉक्टरों और पैरा-मैडीकल की अस्थाई तैनाती भी की गई है। इस संस्था में किसी भी एमरजैंसी के लिए वेंटिलेटर और स्पैशल स्टाफ मौजूद हैं और ज़रूरत पडऩे पर माहिर डॉक्टर भेजे जाते हैं। उन्होंने बताया कि मरीज़ों को माहिर डॉक्टरों की निगरानी में संतुलित भोजन दिया जा रहा है और हर तरह की सुविधाएं मुफ़्त प्रदान की जा रही हैं। यहाँ यह भी वर्णनयोग्य है कि कोविड-19 की बीमारी को नियमों के मुताबिक स्वास्थ्य एवं मैडीकल शिक्षा विभागों की टीमों द्वारा समय-समय पर मरीज़ों के सैंपल लेकर जाती हैं। जिनकी रिपोर्ट पी.जी.आई. चंडीगढ़, फऱीदकोट, पटियाला और अमृतसर मैडीकल कॉलेज में चैक करवाने के लिए भेजी जाती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे बताया कि मरीज़ों को दाखि़ल करवाने से लेकर और छुट्टी देने के उपरांत घर छोडऩे तक का इंतज़ाम पंजाब सरकार द्वारा किया जाता है और जिन मरीज़ों के टेस्ट हो गए हैं, उनकी रिपोर्ट आने के उपरांत इलाज मुहैया करवाया जाता है। जि़क्रयोग्य है कि अब तक 7355 व्यक्तियों के टेस्टों में से 6769 की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई और 251 मामलों की पुष्टि हुई है जबकि 335 मामलों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। 49 व्यक्तियों के स्वस्थ्य होने के बाद घर भेजा जा चुका है और बदकिस्मती से 16 मरीज़ों की मौत हो चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से अपील की है कि पंजाब सरकार की हिदायतों की पालना करते हुए राज्य निवासी अपने परिवारों को सुरक्षित रख सकते हैं, जिसके लिए यह लाजि़मी है कि हम सभी कफ्र्यू के नियमों की पालना करना यकीनी बनाएं और पंजाब को जल्द कोरोना मुक्त किया जा सके।

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