केंद्र सरकार का एस.सी. वज़ीफ़ा स्कीम वापस लेने का फ़ैसला पीछे की ओर ले जाने वाला-मुख्यमंत्री

चंडीगढ़, 17 अक्टूबर:

एस.सी. पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम से हाथ पीछे खींच लेने के केंद्र सरकार के फ़ैसले को पूरी तरह पीछे की ओर ले जाने वाला कदम करार देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को कहा कि मंत्रीमंडल द्वारा बीते दिन मंज़ूर की गई नई वज़ीफ़ा स्कीम, एस.सी. विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा की पढ़ाई करने के समर्थ बनाते हुए उनके भविष्य को सुरक्षित करेगी।

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मुख्यमंत्री, होशियारपुर के एक एस.सी. विद्यार्थी के सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसका भविष्य केंद्र की स्कॉलरशिप स्कीम के अचानक बंद होने से ख़तरे में पड़ गया था। अपने ‘कैप्टन को सवाल’ सैशन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अनुसूचित जाति के अन्य विद्यार्थियों को स्कीम के दायरे में लाने के लिए आमदनी मापदंड बढ़ाने का भी फ़ैसला लिया है, जो विधानसभा में बिल के पास होने के बाद लागू किया जाएगा।

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कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि पंजाब सिविल सेवाओं में सीधी भर्ती के लिए सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण संबंधी कैबिनेट के फ़ैसले के साथ उनकी सरकार ने अपने चुनावी वायदे को पूरा किया है और कहा कि इससे औरतों को वह मिलेगा, जिसकी वह हकदार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास अब एक महिला राफेल लड़ाकू पायलट भी है, इसलिए महिलाएं इस सब की हकदार हैं।’’ उन्होंने आगे कहा कि महिलाएं बड़ी कामयाबी हासिल कर रही हैं और आगे बढऩे के लिए उनके सशक्तिकरण की ज़रूरत है।

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मुख्यमंत्री ने मंत्रीमंडल के अन्य अहम फ़ैसलों का हवाला दिया, जिनमें काश्तकारों और झुग्गी-झोंपड़ी वालों के लिए मालिकाना हकों के अलावा अगले 18 महीनों में नौजवानों को एक लाख सरकारी नौकरियाँ देने के अपने वायदे को अमल में लाना है, जिसके लिए पहले पड़ाव की भर्ती प्रक्रिया के लिए विभिन्न विभागों द्वारा 31 अक्टूबर तक विज्ञापन जारी करने के लिए तैयार हैं।

कोविड के मुद्दे पर यह देखते हुए कि ख़तरा अभी भी गंभीर बना हुआ है और सेहतयाब हुए मरीज़ों को लंबे समय तक इसके प्रभावों का सामना करना पड़ रहा है, मुख्यमंत्री ने मास्क पहनने और अन्य सुरक्षा उपायों की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि हालाँकि, स्थिति में सुधार हुआ है, परन्तु इस ख़तरे को हल्के में नहीं लिया जा सकता। उन्होंने इस तथ्य पर गंभीर चिंता ज़ाहिर की कि लोग इस ख़तरे और यहाँ तक कि बीमारी के मूलभूत लक्षणों को भी नजऱ-अंदाज़ कर रहे हैं, जो कि राज्य में मौतों की संख्या का एक बड़ा कारण था।

यह जि़क्र करते हुए कि किसानों की हिमायत में हाल ही में हुई रैलियों में आधे से अधिक लोगों ने मास्क नहीं पहने हुए थे, कैप्टन अमरिन्दर ने इस लापरवाही वाले रवैए पर निराशा ज़ाहिर की। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा ‘‘यह देखते हुए कि इस महामारी की दूसरी लहर कई देशों में दोबारा शुरू हो रही है, हम ढ़ीले नहीं पड़ सकते।’’ उन्होंने सभी को एक दूसरे से सामाजिक दूरी, मास्क पहनने, हाथ धोने आदि के नियमों की पालना करते हुए और ज्य़ादा एहतियात बरतने के लिए कहा।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘हमें अपने आप को, अपने परिवार को और पंजाब को बचाना होगा और हमारा भविष्य भी इस बात पर निर्भर है कि हम कैसे कोविड के खि़लाफ़ लड़ते हैं और उद्योग, रोजग़ार आदि की वृद्धि भी इसी पर ही निर्भर होगी।’’

इसी दौरान मुख्यमंत्री ने पटियाला की एक नौजवान लडक़ी को बधाई दी जिसने कोविड के संकट के दौरान रोजग़ार न मिलने की निराशा के दौर में रोजग़ार मेले के द्वारा पहली नौकरी मिलने की बात साझा की है।

बटाला के एक निवासी ने कहा कि वह करतारपुर साहिब के दर्शन करना चाहता है तो इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पहले ही भारत सरकार को लिख चुकी है कि राज्य को इस पर कोई ऐतराज़ नहीं है, परन्तु इस बारे में फ़ैसला अब केंद्र सरकार ने लेना है।

खन्ना के एक निवासी की चिंता दूर करते हुए मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया कि स्कूलों को फिर खोलने के लिए कोविड के सुरक्षा उपायों की पालना के साथ-साथ साफ़-सफ़ाई का पूरा ध्यान रखे जाने को यकीनी बनाने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने त्योहारों के सीजन के विशेष मौके पर विकास/सडक़ों के निर्माण, मिठाई में मिलावट समेत स्थानीय मुद्दों के बारे में अलग-अलग सवालों के जवाब दिए। उन्होंने अमृतसर के एक सवालकर्ता को बताया कि जि़ला प्रशासन को ऐसे मिलावटखोरों के खि़लाफ़ कार्यवाही करने के लिए हिदायतें जारी की जा रही हैं।

-Nav Gill

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