केंद्रीय सचिव, खाद्य ने पंजाब के खरीद प्रबंधों का लिया जायज़ा

चण्डीगढ़, 24 सितम्बर:

भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव, श्री सुधांशू पांडे, आई.ए.एस. ने आगामी सीजन दौरान खरीद प्रबंधों का जायज़ा लेने के लिए पंजाब का दौरा किया।

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समीक्षा मीटिंग के दौरान खाद्य और सिविल सप्लाई विभाग पंजाब के सचिव श्री गुरकीरत किरपाल सिंह, आई.ए.एस. पनसप के मैनेजिंग डायरैक्टर श्री आर.के. कौशिक, आई.ए.एस., एफ.सी.आई. के जनरल मैनेजर श्री अर्शदीप सिंह थिंद, आई.ए.एस., एम.डी. मार्कफैड श्री वरुण रूज़म, आई.ए.एस., खाद्य और सप्लाई विभाग के डायरैक्टर श्री अभिनव त्रिखा, आई.ए.एस., सचिव मंडी बोर्ड पंजाब श्री रवि भगत, आई.ए.एस. और श्री दलविन्दरजीत सिंह, एएमडी, पीएसडब्ल्यूसी उपस्थित थे।

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खाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले विभाग के डायरैक्टर श्री अभिनव त्रिखा ने खरीफ मंडीकरण सीजन 2021-22 दौरान धान की निर्विघ्न खरीद प्रक्रिया को यकीनी बनाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से किये जा रहे प्रबंधों, तैयारियों, योजनाओं और राज्य सरकार की समस्याओं पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला।

केंद्रीय सचिव, खाद्य श्री सुधांशू पांडे ने राज्य सरकार की तरफ से चावल की रीसाइक्लिंग और धान की जाली बिलिंग को रोकने के लिए की गई पहलकदमियों की सराहना की और एफ.सी.आई. को ऐसे उपायों को दूसरे राज्यों में अपनाए जाने का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी हिदायत की कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) चावलों की गैरकानूनी रीसाइक्लिंग पर लगातार चौकसी बनाई जाये और दोषियों के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही की जाये।

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उन्होंने खरीफ मंडीकरण सीजन 2021-22 दौरान धान की खरीद के लिए राज्य सरकार की तरफ से किये प्रबंधों पर संतोष प्रकट किया।

सचिव खाद्य, भारत सरकार को यह भी बताया गया कि पंजाब राज द्वारा फ़सल के पकने के समय अनुकूल मौसम के कारण धान की पैदावार में वृद्धि की उम्मीद की जा रही है। पंजाब के कृषि और किसान कल्याण विभाग की तरफ से रिमोट सेंसिंग के द्वारा इक_ी की गई जानकारी के साथ धान के उत्पादन सम्बन्धी अनुमानों के अनुसार खरीफ मंडीकरण सीजन 2021-22 दौरान 191 लाख मीट्रिक टन धान की पैदावार होने की उम्मीद है। इसकी खरीद के लिए ज़रुरी प्रबंध राज्य सरकार की तरफ से किये जा रहे हैं। जैसे कि भारत सरकार ने 170 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का अस्थाई लक्ष्य निर्धारित किया है, इसलिए खरीफ मंडीकरण सीजन 2021-22 दौरान इस लक्ष्य को 191 लाख मीट्रिक टन करने का अनुरोध किया गया था।

केंद्रीय सचिव ने प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पी.एम.जी.के.ए.वाई), आत्म निर्भर योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एन.एफ.एस.ए) अधीन राज्य में पहचाने गए लाभार्थीयों को सब्सिडी वाले अनाज के वितरण की समीक्षा भी की और संतोष जताया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पारदर्शिता को यकीनी बनाने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में किसी भी तरह के लीकेज /डाइवर्शन से बचने के लिए सभी वितरण कार्यों को पूरी तरह स्वचालित करने के लिए बेहतर तकनीकी दख़ल की तत्काल ज़रूरत है। उन्होंने राज्य सरकार को छह महीनों के कोटे की मौजूदा वितरण नीति की समीक्षा करने और एनएफएसए अधीन सब्सिडी वाले गेहूँ के तिमाही या मासिक वितरण बारे विचार करने के लिए भी कहा।

-Nav Gill

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