पंजाब में निवेश को बढ़ावा देने के लिए बड़ी पहलकदमी

कोविड महामारी के दौर में जब बेरोजगारी हावी है, ऐसे समय में पंजाब के वन विभाग ने निवेश को बढ़ावा देने और रोजग़ार के मौके बढ़ाने के लिए नये निवेश प्रोजेक्टों के लिए विभागीय मंज़ूरियों में तेज़ी लाने के लिए प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का फ़ैसला किया है। विभागीय कामकाज में लाल फीताशाही और अनावश्यक देरी को समाप्त करने के उद्देश्य से शुरू की गई इस पहलकदमी संबंधी विस्तार में जानकारी देते हुए पंजाब के वन मंत्री स. साधु सिंह धर्मसोत ने बताया कि पंजाब में निवेश को बढ़ाने के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं और इसी दिशा में अब वन विभाग विभिन्न नये निवेश प्रोजेक्टों की मंज़ूरियां ऑनलाइन देगा। उन्होंने कहा कि इस कदम से जहाँ विभिन्न प्रोजैक्ट समय पर शुरू होंगे, वहीं राज्य के नौजवानों के लिए रोजग़ार के मौके भी पैदा होंगे।
स. धर्मसोत ने बताया कि सभी विभाग साझे तौर पर जि़लावार कैंप लगाकर मंज़ूरियां देंगे। उन्होंने बताया कि पंजाब के हर जिले में एफ.सी.ए. मामलों सम्बन्धी वन विभाग द्वारा कैंपों का प्रबंध किया जायेगा, जिसमें सम्बन्धित जिले के डिप्टी कमिश्नर, वन मंडल अधिकारी, पी.डब्ल्यू.डी. / एन.एच.ए.आई., पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, पंजाब मंडी बोर्ड, इरीगेशन और यूजर एजेंसियों आदि के नुमायंदे उपस्थित होंगे। उन्होंने बताया कि इन कैंपों में विभिन्न मुद्दों को मौके पर ही निपटाया जायेगा। उन्होंने बताया कि इन कैंपों के प्रचार के लिए रेडियो और अखबारों में इश्तिहार दिए जाएंगे।
वन मंत्री ने बताया कि अलग-अलग प्रोजेक्टों सम्बन्धी फारेस्ट क्लीयरेंस के मामलों को पेपरलैस कर दिया गया है और अब हर केस को ई-ऑफिस के द्वारा ऑनलाइन प्रक्रिया के द्वारा किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था को और असरदार बनाने के लिए एफ.सी.ए. केस एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय भेजने के लिए सिंगल फाइल प्रोसेस अपनाया जायेगा, जिससे फॉरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों की मंजूरी में कम से कम समय लगेगा और जिससे सबंधित लागों को निजी तौर पर कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
स. धर्मसोत ने बताया कि यह फ़ैसला भी लिया गया कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों में सैद्धांतिक स्वीकृति के बाद विभाग के नोडल अधिकारी (एफ.सी.ए.), समूची शर्तें पढऩे के बाद अंतिम स्वीकृति जारी करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में जो वन आबादी वाले क्षेत्रों के साथ लगते हैं, उनको नगर वन के तौर पर विकसित किये जाने का प्रस्ताव तैयार करके भारत सरकार को भेजा जायेगा।

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